जब सीएम ने बनाया राजनीतिक सद्भाव का सेतु
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण देने की कला की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कर चुके हैं। यादव समाज के प्रतिभा सम्मान समारोह में एक बार फिर सीएम ने इस कला का परिचय दिया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से जोड़ते हुए यादव समाज की खूबियां गिनाई। साथ ही कांग्रेस के दिवंगत नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुभाष यादव के राजनीतिक कौशल की भी प्रशंसा करके पूरे समाज की वाहवाही लूटी। तालियों की गड़गड़ाहट से हाल भर गया। सीएम ने समाज की ओर से रखे गए कुछ प्रस्तावों पर भी सहमति दे दी। इस दौरान उनके साथ मंच पर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के साथ दिवंगत नेता के कांग्रेसी विधायक पुत्र सचिन यादव भी मौजूद थे। इस तरह सीएम ने राजनीतिक सद्भाव का परिचय दिया। कांग्रेस विधायक यादव भी सीएम के समक्ष बहुत विनम्र नजर आए। कुछ लोग कयास लगाने लगे कि कहीं सीएम कांग्रेस विधायक को अपने पाले में तो नहीं खींच रहे हैं?
बजरंगियों का गुस्सा और नेताओं की चुनावी मजबूरी
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर पुलिस के लाठीचार्ज को लेकर राज्य शासन ने भले ही कुछ पुलिस अधिकारियों को हटा दिया हो, लेकिन हिंदूवादी संगठनों का गुस्सा ठंडा नहीं हो रहा है। इसीलिए कुछ स्थानीय भाजपा नेता घायल हिंदू नेता राजेश बिंजवे सहित अन्य का हालचाल लेने उनके पास जा रहे हैं। दरअसल, लाठीचार्ज के बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेताओं पर खुलेआम गुस्सा जाहिर किया था। यहां तक कि चुनाव में देख लेने तक की धमकी दी थी। यही कारण है कि कुछ नेताआें ने सब कुछ चुपचाप सुन लिया। उनकी मजबूरी है कि वे किसी तरह अपनी हिंदूवादी छवि को बचाए रखना चाहते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर आगामी विधानसभा चुनाव में हिंदूवादी संगठनों का गुस्सा शांत रहे और कोई राजनीतिक नुकसान न हो जाए। बहरहाल गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी फोन लगाकर बिंजवे के हालचाल पूछे।
बुलाया था खूबियां बताने, सुनना पड़ी समस्याएं
केंद्र सरकार के नौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इंदौर आए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश और महाराष्ट्र के वन एवं संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने शहर के उद्योगपतियों से भी परिचर्चा रखी। केंद्रीय राज्य मंत्री ने उद्योगपतियों को सरकार की योजनाएं आैर उनकी खूबियां बताने के लिए बुलाया था। उन्होंने सरकार की योजनाएं तो रखीं लेकिन उनको यह उम्मीद नहीं थी कि उद्योगपतियों की समस्याओं की झड़ी भी लग जाएगी। उनको उद्योगपतियों की समस्याएं भी सुनना पड़ेंगी। इतनी देर में केंद्रीय राज्य मंत्री सोमप्रकाश भी यह तो समझ ही गए होंगे कि इंदौर के उद्योगपति केवल भाषण सुनने नहीं आते, अपनी बात कहना भी जानते हैं। यह बात अलग है कि उद्योगपतियों के इस कार्यक्रम में भाजपा नेताओं और नेत्रियों ने भी भीड़ बढ़ाने का काम किया।
बाहर-बाहर सहमति, अंदर-अंदर राम जाने
यह राजनीति है… जो होती है वह दिखती नहीं और जो दिखती है वह होती नहीं। इसी जुमले के बहाने बात करते हैं राऊ विधानसभा क्षेत्र के दो भाजपा नेताओं जीतू जिराती और मधु वर्मा की। दोनों नेता कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी से हारे हैं, पर इस बार फिर दावेदारी कर रहे हैं। किंतु भाजपा के लाभार्थी सम्मेलन में जिराती ने वर्मा की सराहना की कि हमारे हारे हुए प्रत्याशी (वर्मा) भी सक्रिय हैं और कई विकास योजनाओं का लाभ जनता को दिला रहे हैं। लगे हाथ वर्मा ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए कहा कि राऊ में इस बार भाजपा से प्रत्याशी कोई भी हो, हम एक लाख से ऊपर की जीत दिलाएंगे। दोनों एक-दूसरे के प्रति सदाशयता दिखा रहे हैं। … तो क्या मान लिया जाए कि किसी तीसरे को रोकने के लिए दोनों के बीच कोई सहमति बन चुकी