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धार्मिक

20 वर्ष बाद बना महाकेदार राजयोग इन तीन राशियों को दिलाएगा पद और प्रतिष्ठा

कहलाता है। इसका प्रभाव संपूर्ण भू-लोक पर पड़ता है। ग्रहों के राशि बदलने से कुछ योगों का निर्माण भी होता है। इसी क्रम में 20 वर्ष बाद महाकेदार योग बनने जा रहा है। यह योग तब बनता है जब जन्मकुंडली के 4 भावों में 7 ग्रह स्थित हो जाएं, तो केदार योग का निर्माण होता है। इसलिए इस योग का असर सभी राशियों पर देखने को मिलेगा। लेकिन 3 राशियां ऐसी हैं, जिनको इस अवधि में आकस्मिक धनलाभ और भाग्योदय के योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं ये भाग्यशाली राशियां कौन सी हैं।

मेष

इस राशि के जातकों के लिए महाकेदार राजयोग अनुकूल फल देगा। यह योग आपकी राशि से लग्न भाव में ही बन रहा है। गुरु, चंद्र और राहु की युति बन रही है। लेकिन शनि की तीसरी दृष्टि भी पड़ रही है। आपके जीवन में थोड़े समय मानसिक तनाव बना रहेगा। इस दौरान आपको धनलाभ होता रहेगा। कहीं से आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति भी हो सकती है। दूसरे भाव में सूर्य और बुध का बुधादित्य राजयोग भी बना हुआ है। इस समय काल में आपकी वाणी से लोग प्रभावित होंगे। वहीं चौथे भाव में शुक्र और मंगल का केंद्र त्रिकोण राजयोग भी बन रहा है। इसलिए इस समय आपको वाहन और प्रापर्टी की प्राप्ति हो सकती है।

कर्क

इस राशि के जातकों के लिए महाकेदार राजयोग अनुकूल साबित होगा। आपकी कुंडली में केंद्र त्रिकोण, गजकेसरी और बुधादित्य राजयोग 11वें भाव में बना हुआ है। यह समय आपको प्रापर्टी के खरीदने-बेचने से लाभ दिला सकता है। राजनीति के क्षेत्र में मान-सम्मान और पद की प्राप्ति होगी। जो लोग फिल्मी दुनिया और रियल एस्टेट से जुड़े हैं उनके लिए भी यह समय बेहतरीन रहने वाला है।

मकर

इस राशि के जातकों के लिए महाकेदार राजयोग शुभ फलदायी रहेगा। सुख-साधनों में वृद्धि होगी। आप महंगे और लग्जरी आयटम खरीदेंगे। यात्रा के योग भी बन रहे हैं। व्यापार से जुड़े लोग अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। नौकरी पेश लोगों का प्रमोशन हो सकता है। अटके हुए कार्य पूरे होंगे। सरकारी योजनाओं से लाभ मिलेगा।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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