पर्यावरण बचाने में आगे इंदौरी इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर रहे सवारी
इंदौर। अच्छी शुरुआत साथ मिलकर ही होती है, फिर चाहे वह किसी भी क्षेत्र की हो। इंदौर ने जिस तरह देश के सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल करने के लिए एकजुटता से मिसाल कायम की, उसी तरह अब शहर की वायु को स्वच्छ करने के प्रति भी संकल्पित दिखाई दे रहा है। वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए इंदौर में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) अपनाने का ट्रेंड जोरों पर है। यहां दो पहिया से लेकर चार पहिया, बस, आटो सभी में ईवी को प्राथमिकता दी जा रही है।
देशभर में स्वच्छता में लगातार कीर्तिमान कायम करने वाला इंदौर अब वाहन प्रदूषण को कम करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इंदौर में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) की मांग बढ़ती जा रही है। पेट्रोल, डीजल के बढ़ते खर्चों को कम करने के लिए आमजन का रूझान अब इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढ़ रहा है। इंदौर परिवहन विभाग के अनुसार 14 हजार से ज्यादा ईवी वाहन शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इनमें दो पहिया और ई-रिक्शा की संख्या ज्यादा है।
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन इंदौर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इसका खुलासा परिवहन विभाग में पंजीकृत वाहनों के आंकड़ों से हो रहा है। परिवहन विभाग इंदौर में अब तक 14,444 वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इसमें ट्रांसपोर्ट वाहनों की संख्या 5479 और नान ट्रांसपोर्ट वाहनों की संख्या 8965 है।
जबकि विगत वर्ष मई 2022 तक इंदौर में कुल 6088 वाहन पंजीकृत हुए थे। एक साल में इंदौर में 8036 इलेक्ट्रिक वाहन इंदौर की सड़कों पर बढ़ गए हैं। इलेक्ट्रिक वाहन विक्रेता शुभम बुते का कहना है इंदौर में प्रतिमाह इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ती जा रही है। 350 के करीब दो पहिया वाहन इंदौर जिले में बिक रहे हैं। कारों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।
एक साल में साढ़े पांच हजार दोपहिया का पंजीयन
परिवहन विभाग इंदौर में मई 2022 से मई 2023 तक एक साल में 8036 नए ईवी पंजीकृत हुए। इसमें सबसे ज्यादा दोपहिया 5546 हैं। एक साल में 261 कारें भी पंजीकृत हुई। अब तक कुल 426 कारें पंजीकृत हो चुकी है। ई-रिक्शा भी एक साल में 1367 बढ़े। एक साल पहले मई में 2857 ई-रिक्शा पंजीकृत थे। 21 टैक्सी भी एक साल में पंजीकृत हुई।
20 से 25 प्रतिशत तक कम हुआ ईंधन का खर्च
इंदौर में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों में लोडिंग रिक्शा, सवारी रिक्शा, बाइक और स्कूटर आदि चल रहे हैं। इनसे प्रदूषण तो कम हो ही रहा है, वाहन स्वामियों के पैसों की बचत भी हो रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों में पेट्रोल-डीजल की तुलना में लगभग 20 से 25 प्रतिशत खर्च ही हो रहा है। ऐसे में 80 प्रतिशत ईंधन खर्च बचता है। दोपहिया वाहन एक बार फुल चार्ज होने पर 80 से 100 किमी और कार 300 किमी तक सफर करती है।
प्रदूषण नियत्रंण के लिए भी जरूरी
आमजन इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। यह वाहन प्रदूषण के लिए जरूरी होने के साथ ही खर्च को भी कम करते हैं। इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरण सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर ऐसे वाहनेां की संख्या बढ़ेगी, तो शहर में वाहनों से होने वाले प्रदूषण के मामलों में भी कमी आएगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है। इंदौर में दोपहिया, चार पहिया और ई-रिक्शा की के पंजीयन ज्यादा हो रहे हैं। इंदौर में अब तक 14 हजार से ज्यादा वाहन पंजीकृत हो चुके हैं। ई-रिक्शा का प्रचलन भी बढ़ा है। प्रतिमाह वाहनों के पंजीयन की संख्या बढ़ रही है। – अर्चना मिश्रा, एआरटीओ, इंदौर