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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
मध्यप्रदेश

हमीदिया के लिए कैथ लैब स्वीकृत राशि भी जारी की

भोपाल। हमीदिया अस्पताल में नई कैथ लैब स्थापित होगी। नए ओपीडी ब्लाक के दसवें फ्लोर पर इसे स्थापित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी देते हुए 80 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत कर दी है। अब इसके लिए हृदयरोग विभाग को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। इसका फायदा यहां आने वाले दिल की बीमारी के ग्रसित मरीजों को मिलेगा, उन्हें कैथ लैब में ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी। बता दें, हमीदिया अस्पताल की मौजूदा कैथ लैब करीब दस साल पुरानी है, जो तकनीकी रूप से बेहतर नहीं है। नई कैथ लैब से आपरेशन तेजी से होंगे और संक्रमण का खतरा भी कम होगा। हालांकि इसमें करीब दो से तीन साल का समय लगेगा।

जानकारी के मुताबिक नए भवन में की 11वीं मंजिल पर 30 और 15 बेड के हृदयरोग विभाग के दो वार्ड बनाए जाएंगे। कैथलैब में सर्जरी के बाद गंभीर मरीजों के लिए थर्ड फ्लोर पर 15 बेड का आधुनिक आइसीयू तैयार किया जा रहा है। वहीं मौजूदा भवन, जिसमें हृदय रोग के साथ पटेल वार्ड, मेडिसिन वार्ड था, उसे तोड़कर नया भवन बनेगा।

क्या होती है कैथलैब

कैथलैब हृदयरोग विभाग के अंतर्गत आने वाली एक लैब होती है। इसमें हृदय रोगियों की सर्जरी की जाती है। इसमें मुख्य रूप से एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, एब्लेशन, एंजियोग्राम और पेसमेकर व आइसीडी जैसी सर्जरी इसमें शामिल हैं। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर काम करती है। इससे शरीर के भीतर देखने की क्षमता बढ़ जाती है और संक्रमण का स्तर भी कम होता है।

इनका कहना है

नई कैथलैब की मंजूरी भी केंद्र सरकार से मिल गई है। हृदय रोग विभाग को नए भवन में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। इसे नए भवन की दसवीं मंजिल में स्थापित किया जाएगा। अभी इसको शुरू होने में कम से कम तीन साल का समय लगेगा।

– डा. अजय शर्मा, नोडल अधिकारी, हृदयरोग विभाग, हमीदिया अस्पताल

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