मध्य प्रदेश की सहकारी नीति तैयार जिलों में निवेश की संभावनाएं तलाशेंगे कोर ग्रुप
भोपाल। मध्य प्रदेश में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार सहकारिता को माध्यम बनाएगी। स्वरोजगार के लिए कृषि, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, जल संरक्षण, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, खनिज, कृषि उपकरण बैंक, जैविक उत्पाद, जल एवं विद्युत वितरण सहित अन्य क्षेत्रों में सहकारी समितियों का गठन कर इन्हें विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
साथ ही सहकारी संस्थाओं में निवेश बढ़ाने के लिए जिला स्तर पर कोर ग्रुप बनाए जाएंगे। इसके लिए सहकारिता विभाग ने सहकारी नीति 2023 तैयार की है, जिसे अनुमति के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सहकारी नीति का प्रारूप तैयार कर नीति बनने के लिए कहा था। इसके आधार पर शिवराज सरकार ने नीति तैयार की है। इसमें वर्तमान सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने का प्रविधान किया गया है।
इसके लिए नए क्षेत्रों में ग्राम, जिला और राज्य स्तर पर समिति गठित की जाएंगी। विभिन्न सरकारी योजनाओं से समितियों को जोड़कर काम किया जाएगा। किसानों को उपकरण उपलब्ध कराने के लिए उपकरण बैंक की स्थापना, ग्रामीण परिवहन, पर्यटन, स्वास्थ्य, बीमा, सेवा, जैविक उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण, विद्युत एवं जल वितरण व्यवस्था के लिए समिति बनाना प्रस्तावित किया गया है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सहकारी क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं तलाशने के लिए जिला स्तर पर कोरग्रुप बनाए जाएंगे। एक जिला-एक उत्पाद के साथ कृषि और लघु वनोपज के विपणन और प्रसंस्करण कार्य भी समितियों को दिए जाएंगे।
अक्रियाशील समितियों का पंजीयन समाप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाएगा। अधिनियम की समीक्षा कर सहकारी समितियों की वर्तमान चुनाव प्रक्रिया में सुधार प्रस्तावित किए जाएंगे। इसके अलावा बैठक में उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए वार्षिक आय सीमा छह लाख से बढ़ाकर आठ लाख करने के प्रस्ताव पर भी निर्णय लिया जाएगा।
औबेदुल्लागंज-नर्मदापुरम-नागपुर मार्ग पर नर्मदा नदी पर बन रहे उच्च स्तरीय पुल की निर्माण लागत 58 करोड़ से बढ़ाकर 129 करोड़ रुपये करने, ला क्लर्क सह रिसर्च असिस्टेंट के पदों का मानदेय बीस हजार रुपये से बढ़ाकर 40 हजार करने, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में कार्यरत 304 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने सहित अन्य प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।