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मध्यप्रदेश

एक से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलती है कंजक्टिवाइटिस बीमारी

आंखों की बीमारी कंजक्टिवाइटिस (आंख आना) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है। इसलिए कंजक्टिवाइटिस के मरीज के कपड़े, रूमाल आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए। कंजक्टिवाइटिस मरीजों को भी चाहिए कि अपने हाथों को साफ पानी से धोते रहें तथा आंखों को छूने अथवा रगड़ने से बचें। असल में कंजक्टिवाइटिस के कारण मरीज आंख में किरकिरी जैसा महसूस करते हैं। जिससे राहत पाने के लिए वे आंख को खुजलाने की कोशिश करते हैं।

खुजलाने व रगड़ने के कारण आंखों में जख्म की आशंका

खुजलाने व रगड़ने के कारण आंखों में जख्म की आशंका बनी रहती है। बोलचाल की भाषा में कंजक्टिवाइटिस को आंख आना भी कहा जाता है। इसमें आंखे लाल, गुलाबी हो जाती हैं जिसके कारण इस बीमारी को पिंक आई भी कहा जाता है। कंजक्टिवाइटिस कई प्रकार के होते हैं। जिनमें आमतौर पर आंख में खुजली, पानी आना, हल्का लाल होना, दर्द, किरकिरा महसूस करना, पीले रंग का पानी निकलना, कीचड़ जमा होना, रोशनी प्रभावित होना, पलकों में सूजन आदि लक्षण नजर आते हैं।

संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचें

संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से, दूषित कपड़ों के इस्तेमाल से, दूषित स्वीमिंग पूल में तैरने समेत अन्य कारक कंजक्टिवाइटिस का जोखिम बढ़ाते हैं। हालांकि कुछ ही दिन के उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है। मरीजों को विशेषज्ञ से परामर्श लेने में विलंब नहीं करना चाहिए।

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