*सोच बदलनी होगी लुटेरी दुल्हन हत्यारी पत्नी*
आए दिन खबरें पढ़ने को मिलती है कि 7 दिन रहकर दुल्हन जेवरात नगदी लेकर भाग गई। पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी।
इस तरह की घटनाओं ने महिलाओं के संस्कारों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। महिलाओं को सोच बदलनी होगी।
क्या इस तरह की हरकतों से महिलाओं का समाज में स्थान बनेगा? क्या नारी शक्ति प्रतीक कहलाएगी?
महिलाओं द्वारा घर परिवार में बड़े बुजुर्गों में सलाह न लेने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। विवाह करने या न करने के निर्णय स्वयं लेने लगी हैं।
गलत खानपान गलत रहन सहन के साथ ही उनका पहनावा भी बिगड़ता जा रहा है। जहां तन ढकना भारतीय संस्कृति की पहचान थी वही अब महिलाएं छोटी सी निकर और ओछी टी शर्ट पहने नजर आने लगी है।
? जहां पहले फैशन शो में परिधानों का शोकेस हुआ करता था उसकी जगह परिधानों को कम और अंग प्रदर्शन का शोकेस ज्यादा होने लगा है।
महिलाएं शराब सिगरेट का सेवन भी करने लगी है और शादी से पहले लिविंग रिलेशनशिप में भी रहने लगी है।
भाषा में भी अत्यंत बेहूदी शैली दिखने लगी है। गाली गलौज से बातचीत करना। उम्र का ध्यान न रखना।
बड़े बुजुर्गों का और शास्त्रों का कहना है कि महिलाओं को हमेशा अपनी मर्यादा में रहना चाहिए बड़ों के सामने शालीनता से पेश आना चाहिए छोटो से ममता भरी शैली में बात करनी चाहिए।
महिलाओं की इस तरह के गंदे आचरण से घर परिवार में क्लेश उत्पन्न होता है। बड़े बुजुर्गों का मानसिक संतुलन बिगड़ता है। झगड़ा फसाद होता है। पति पत्नी में मधुर संबंध बिगड़ जाते हैं। तलाक तक की नौबत आ जाती है। पति और बच्चे व्यसन ग्रस्त हो जाते हैं। पत्नी व्याभी चारिणी व पति लमपर आचरण का हो जाता है।
महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार होने का एक अहम कारण यह भी है।
? महिलाओं को अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा सोच बदलनी होगी कि वह मर्यादित और संतुलित संस्कारित जीवनशैली यापन करें।
संपर्क सूत्र डॉक्टर मानसिंह भांवरिया मो 9672777737