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आर टेक मॉल में व्यापारियों से मनमानी वसूली और उत्पीड़न –

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आर टेक मॉल में व्यापारियों से मनमानी वसूली और उत्पीड़न –

जयपुर, 22 मार्च 2025 – राजधानी के नामी आर टेक कैपिटल मॉल से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां छोटे व्यापारियों को जबरदस्त आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है।

रवि कुमार मीना, जो कि मॉल के आई-20 शॉप नंबर में पिज्जा आउटलेट चलाते हैं, ने अपनी आपबीती साझा करते हुए मॉल प्रबंधन की मनमानी और गलत नीतियों को उजागर किया। रवि ने बताया कि उन्होंने 3 महीने पहले अपनी दुकान शुरू की थी। मॉल प्रबंधन ने पहले से लगे बिजली कनेक्शन के लिए उन्हें भरोसा दिलाया था कि समय-समय पर बिल की जानकारी दी जाएगी और रिचार्ज करना होगा।

लेकिन तीन महीने तक कोई सूचना न देने के बाद, अचानक उन्हें ₹46,000 का भारी-भरकम बिजली बिल थमा दिया गया। इससे भी बड़ी बात यह रही कि बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के, प्रबंधन ने व्यवसायिक घंटों के बीच, जब ग्राहक दुकान पर मौजूद थे, तब ही उनकी दुकान की बिजली काट दी।

रवि ने जब कारण पूछा, तो बताया गया कि यह आदेश आर टेक ग्रुप के एमडी द्वारा व्यक्तिगत रूप से दिया गया है। हालांकि, प्रबंधन के पास बिल की राशि और इसकी गणना पर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं था।

प्रबंधन ने अपनी गलती को ढकने के लिए पूर्व प्रबंधन कर्मचारी धर्मू पर पूरी जिम्मेदारी डाल दी। रवि ने आरोप लगाया कि प्रबंधन ने न सिर्फ उनकी दुकान को नुकसान पहुंचाया, बल्कि कॉमन फूड कोर्ट एरिया में टेबल और चेयर लगाने पर भी अवैध शुल्क लगाना शुरू कर दिया है — प्रति चेयर ₹500 और प्रति टेबल ₹800।

इतना ही नहीं, सभी छोटे दुकानदारों के प्रीपेड मीटर से जबरदस्ती मनमाना कटौती की जा रही है।

मॉल में बिजली की दरें भी सरकारी दरों से कहीं अधिक वसूली जा रही हैं। जहां सरकार द्वारा कमर्शियल बिजली की दर ₹10 प्रति यूनिट तय है, वहीं मॉल प्रबंधन ने “अच्छे वायर” का हवाला देकर ₹11 प्रति यूनिट वसूली शुरू कर दी।

और जब बिजली कटती है, तो जेनरेटर का इस्तेमाल कर दुकानें चलाने के लिए ₹40 प्रति यूनिट तक वसूला जाता है — जो कि साफ तौर पर शोषण की श्रेणी में आता है।

जबरन बिजली कटौती और मनमाने बिलों के जरिए उन्हें इतना परेशान किया जा रहा है कि वे खुद ही अपनी दुकान बंद करके चले जाएं।

रवि कुमार मीना और अन्य व्यापारियों ने कहा :

“हमने अपनी मेहनत की कमाई लगाकर यहां व्यापार शुरू किया है। उन्होंने प्रशासन से गुहार की कि समस्या का समाधान निकाला जाए और संबंधित अधिकारियों से जांच और हस्तक्षेप की मांग की है।

 

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