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मध्यप्रदेश

बगैर अनुमति विदेश के राजनायिकों को बुलाने पर निशा बांगरे और आयोजकों के खिलाफ होगी पुलिस कार्रवाई

भोपाल। प्रशासन की अनुमति के बगैर विदेश के राजनायिकों को बुलाने के मामले में छतरपुर में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे और अंतरराष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन के अन्य आयोजकों के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। मामले में जिला प्रशासन कार्यक्रम आयोजित होने के साक्ष्य जुटा रहा है।

रविवार को बैतूल के आमला में आयोजित इस कार्यक्रम में श्रीलंका के न्यायमंत्री विजयदासा राजपक्षे और गगन मलिक फाउंडेशन के प्रमुख गगन मलिक भगवान बुद्ध की अस्थि कलश लेकर पहुंचे, जिसे बांगरे के आवास पर स्थापित कर प्रार्थना सभा की गई। इसके बाद फीता काटकर बांगरे परिवार ने गृह प्रवेश किया। बता दें कि सर्वधर्म शांति सम्मेलन में जाने की अनुमति न मिलने पर बांगरे अपने पद से त्यागपत्र दे चुकी हैं।

गृह प्रवेश के मौके पर आयोजित प्रार्थना सभा में सिख, जैन ईसाई, बोहरा समाज के धर्मगुरु शामिल हुए। अतिथियों ने कार्यक्रम की अनुमति नहीं देने पर नाराजगी जताई, तो निशा बांगरे ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने कार्यक्रम में सहयोग करने के बजाय बिजली आपूर्ति बंद कर दी। हमें जेनरेटर लगाना पड़ा।

सामान्य प्रशासन विभाग से मिले नोटिस पर बांगरे ने कहा कि साजिश और षड्यंत्र तो चलेंगे ही, हम डरने वाले नहीं हैं। विदेश के मेहमानों को कार्यक्रम में बुलाने की सभी प्रक्रिया पूरी की गई हैं। अधूरे मकान में गृह प्रवेश करने को लेकर उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि वर्षा प्रारंभ होने के पहले यहां शिक्षण कार्य शुरू करें, इसलिए गृह प्रवेश किया गया है। बता दें कि बांगरे ने कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी, जो नहीं मिली।

यह अतिथि कार्यक्रम में हुए शामिल

लाइट एशिया फाउंडेशन श्रीलंका के अध्यक्ष नवीन गुणरत्ने, वर्ल्ड एलायंस आफ बुद्धिस्ट के अध्यक्ष डा. पोर्नचाई पियापोंग (थाईलैंड), सिस्टर मिथिला (बांग्लादेश), साबुज बरुवा (बांग्लादेश), सिस्टर नीनिये (म्यांमार), डा. ली किट यांग (दुबई), फाई यान (वियतनाम), डा. योंग मून (साउथ कोरिया), कैप्टन नटकीट (थाईलैंड), डा. पोंगसांग (थाईलैंड) कार्यक्रम में शामिल हुए।

कमल नाथ बोले-बांगरे कोई राजनीति नहीं कर रहीं

निशा बांगरे के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि बांगरे को लेकर शासन-प्रशासन का ऐसा रवैया दुख की बात है। वे अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला अधिकारी हैं। उनसे ऐसा व्यवहार किया गया, इससे तानाशाही चलने का संदेश जाता है। वह कोई राजनीति नहीं कर रही हैं। उन्हें जहां पदस्थ किया, वहां मकान नहीं मिला। गृह प्रवेश के कार्यक्रम में जाने की अनुमति नहीं मिली। नाथ ने परिवहन विभाग में सामने आई गड़बड़ी पर तंज कसते हुए कहा कि हर विभाग में यही हाल हैं।

इनका कहना है

अनुमति नहीं मिलने के बाद भी आयोजन किया गया है। इस संबंध में साक्ष्य इकट्ठे किए जाएंगे और नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।

श्यामेंद्र जायसवाल, अपर कलेक्टर, बैतूल

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