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सावन में कब-कब पड़ेंगे मंगला गौरी व्रत जानें तिथि और पूजा विधि

 सावन का महीना जल्द ही शुरु होने वाला है। शिव भक्तों के लिए सावन का महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस महीने भोलेनाथ और माता गौरी का आशीर्वाद पाने का सबसे उत्तम समय होता है। मान्यताओं के अनुसार, जिस प्रकार सावन सोमवार को शिव जी की पूजा की जाती है उसी प्रकार सावन के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है। जिसमें मां पार्वती की पूजा की जाती है।

दरअसल, सावन के पवित्र महीने में मंगला गौरी व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत रखकर मां गौरी की विधि-विधान से पूजा करती हैं। मां मंगला गौरी आदि शक्ति माता पार्वती का ही मंगल रूप हैं, इन्हें मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी के नाम से भी जाना जाता है। तो आइए जानते हैं इस बार सावन में कब-कब और कितने पड़ेंगे मंगला गौरी व्रत

वैसे तो हर साल सावन में करीब 4 या 5 मंगला गौरी व्रत पड़ते थे, लेकिन इस बार सावन दो महीने का होने वाला है, इसलिए मंगला गौरी व्रत भी इस बार की संख्या 9 हो गई है। तो आइए जानते हैं इस साल सावन में मंगला गौरी व्रत की तारीखें-

कब-कब रखे जाएंगे मंगला गौरी व्रत 2023

पहला मंगला गौरी व्रत 4 जुलाई 2023

दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई 2023

तीसरा मंगला गौरी व्रत 18 जुलाई 2023

चौथा मंगला गौरी व्रत 25 जुलाई 2023

पांचवा मंगला गौरी व्रत 1 अगस्त 2023

छठा मंगला गौरी व्रत 8 अगस्त 2023

सातवा मंगला गौरी व्रत 15 अगस्त 2023

आठवां मंगला गौरी व्रत 22 अगस्त 2023

नौवां मंगला गौरी व्रत 29 अगस्त 2023

मंगला गौरी व्रत पूजा विधि

– मंगला गौरी व्रत के दिन माता पार्वती का मंगला गौरी के रूप में पूजन किया जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहन लें।

– इसके बाद हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करें और फिर मंदिर की सफाई कर वहां एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उसमें माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।

– इसके बाद मां पार्वती को सिंदूर का तिलक लगाएं और उनके सामने एक घी का दीपक जलाएं। इसके साथ ही सुहाग का सामान जैसे कि लाल चूड़ियां, लाल बिंदी, लाल चुनरी, मेहंदी आदि अर्पित करें और फिर व्रत की कथा पढें।

मंगला गौरी व्रत का मंत्र

मां मंगला गौरी की पूजा के साथ इन मंत्र का जाप करें- ॐ गौरी शंकराय नमः

मंगला गौरी व्रत का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन माता गौरी की पूजा करके मां गौरी की कथा जरूर सुननी चाहिए। अगर किसी महिला की कुंडली में वैवाहिक जीवन में कोई समस्या हो तो उन्हें मंगला गौरी व्रत जरूर रखना चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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