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अगर आंखों का बदलता नंबर हो जाएं सावधान : Dr Manoj Kabra eye specialist

आंखों का बदलता नंबर हो जाएं सावधान।

काबरा आई हॉस्पिटल के डॉ मनोज काबरा, का कहना है कि ग्लूकोमा नामक बीमारी अत्यंत चिंताजनक है। इस बीमारी में कोई स्पष्ट लक्षण सामने नहीं आते, और इसका इलाज शुरू होने से पहले होने वाले नुकसान की भरपाई भी नहीं हो सकती। इसलिए, ग्लूकोमा के इलाज में जल्दी इलाज करवाना आवश्यक है।
ग्लूकोमा में ऑप्टिक नर्व को बहुत नुकसान होता है, जिससे आंखों का संपर्क खत्म हो जाता है, और इस नुकसान की क्षतिपूर्ति की सम्भावना नहीं है। इस बीमारी के अंतर्गत केवल आगे होने वाले नुकसान को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है।
ग्लूकोमा होने पर आंखों में आंतरिक दबाव असामान्य रूप से बढ़ सकता है, और यह रोग लंबे समय से स्टेरॉयड या कोर्टीजॉन का उपयोग करने वालों में भी हो सकता है। चोट के कारण भी यह रोग हो सकता है। आजकल की आधुनिक मशीनों की मदद से ग्लूकोमा के प्रकार और दृष्टि की क्षमता की क्षति को पता करना संभव है।
इस बीमारी के इलाज के लिए दवाइयां, लेजर और सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है।

प्रारंभिक स्थिति में दवाइयों से ही इसका इलाज संभव है, और जो व्यक्ति ग्लूकोमा से पीड़ित है, उसे जल्दी इलाज करवाना चाहिए।

संपर्क सूत्र डॉक्टर मनोज काबरा 94143 06722

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