अभिव्यक्ति
आज की स्थिति बदहाल बहुत है
*अच्छी थी पगडंडी अपनी।*
*सड़कों पर तो जाम बहुत है।।*
*फुर्र हो गई फुर्सत अब तो।*
*सबके पास काम बहुत है।।*
*नहीं जरूरत बुज़ुर्गों की अब।*
*हर बच्चा बुद्धिमान बहुत है।।*
*उजड़ गए सब बाग बगीचे।*
*दो गमलों में शान बहुत है।।*
*मट्ठा, दही नहीं खाते हैं।*
*कहते हैं ज़ुकाम बहुत है।।*
*पीते हैं जब चाय तब कहीं।*
*कहते हैं आराम बहुत है।।*
*बंद हो गई चिट्ठी, पत्री।*
*फोनों पर पैगाम बहुत है।।*
*आदी हैं ए.सी. के इतने।*
*कहते बाहर तापमान बहुत है।।*
*झुके-झुके स्कूली बच्चे।*
*बस्तों में सामान बहुत है।।*
*सुविधाओं का ढेर लगा है।*
*पर इंसान परेशान बहुत है।।*