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अपनी नाकामियों को धोने का प्रयास कर रही है राजस्थान पुलिस – संयुक्त अभिभावक संघ

नौ दिन का आपरेशन गरिमा अभियान चला, अपनी नाकामियों को धोने का प्रयास कर रही है राजस्थान पुलिस – संयुक्त अभिभावक संघ

महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर बिलकुल भी गंभीरता नही है राजस्थान प्रशासन में – अभिषेक जैन बिट्टू

जयपुर। प्रदेशभर में स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर सहित भीड़-भाड़, सुनशान वाले स्थानों पर महिलाओं और बालिकाओं के साथ मनचलों और असामाजिक तत्वों द्वारा छेड़छाड़, छीटाकशी सहित दुर्व्यवहार की गंभीर से गंभीर समस्याएं व घटनाओं लगातार राजस्थान को दुनियाभर में बदनाम कर रही है। जिस राजस्थान पुलिस ने 10 अगस्त से 18 अगस्त तक नौ दिवसीय राजव्यापी अभियान ऑपरेशन गरिमा संचालित करने की घोषणा की है जिस पर अभिभावकों के समूह संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा की ” राजस्थान का पुलिस प्रशासन पूरी तरह से फैल दिखाई दे रहा है, केवल राज्य सरकार के इशारों पर कार्य कर रहा है, यह अभियान भी केवल राजनीति की उपज है जिससे प्रदेश के वोटरों को गुमराह कर भाषणों में उनकी वाह-वाही लूटी जा रहे और पिछले साढ़े चार साल की नाकामियों को धोह का षडयंत्र है।

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की राजस्थान का पुलिस प्रशासन महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर बिलकुल भी गंभीरता नही दिखा रही है। अब जब प्रदेश में साल के अंत में चुनाव होने जा रहे है तो पुलिस प्रशासन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप स्कूल-कॉलेज के बाहर और अन्य भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर महिलाओं व बालिकाओं के साथ मनचलों द्वारा छेड़छाड़ और छींटाकशी की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर गुरुवार से पूरे प्रदेश में 10 अगस्त से 18 अगस्त तक नौ दिवसीय राजव्यापी अभियान ऑपरेशन गरिमा के संचालन की घोषणा की है। जो केवल खानापूर्ति बरतने मात्र तक सीमित बनकर रहेगा। इस अभियान को शुरू करने से पहले पुलिस प्रशासन को बताना चाहिए था की प्रदेश ने पिछले साढ़े चार सालों में महिलाओं और बालिकाओं के साथ वारदातें घटी है और पुलिस प्रशासन ने कितनी महिलाओं और बालिकाओं को न्याय दिलवाया है। उसके आंकड़े प्रदेश के समक्ष रखने चाहिए।

प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की संयुक्त अभिभावक संघ पिछले तीन वर्षो से मांग कर रही है की प्रदेशभर के सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग सेंटरो सहित ग्राम व पंचायत स्तर पर महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए, उनकी शिकायतों को दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए, उनका हर स्तर पर प्रचार किया जाए जिससे प्रत्येक महिला और बालिका जरूरत पढ़ने पर सुरक्षा प्राप्त कर सके। किंतु अब जब चुनाव नजदीक आ गए तो महिलाओं और बालिकाओं के जख्मों पर मरहम छिड़कने के लिए नौ दिन का अभियान ऑपरेशन गरिमा लॉन्च कर दिया। जबकि आज तक स्कूलों तक में बालिका सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर तक चस्पा किए गए। ऐसे में यह अभियान केवल एक छलावा है। जिससे चुनावी मार्केटिंग की जा सके।

अभिषेक जैन बिट्टू
मो – 9829566545

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