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चंद्रमा-गुरु की युति से इन राशि वालों पर बरसेगा छप्परफाड़ धन जमकर होगा लाभ

 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक समय के बाद हर ग्रह अपनी जगह बदलता है। हर एक ग्रह का अपना अलग महत्व होता है। सभी ग्रहों में चंद्रमा की अवधि सबसे कम होता है। बता दें कि चंद्रमा ढाई दिन में राशि परिवर्तन करते हैं। ऐसे में 10 जुलाई को चंद्रमा मेष राशि में प्रवेश करेंगे। मेष राशि में गुरु पहले से ही विराजमान हैं और चंद्रमा के साथ मिलकर युति बनाएंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किन्हीं दो ग्रहों का एक ही राशि में मिलना शुभ और अशुभ परिणाम देता है। गुरु और चंद्रमा की युति से कुछ राशि वालों के जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होने वाली है। आइए जानते हैं कि वे राशियां कौनसी हैं।

मेष राशि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष राशि वालों को गुरु चंद्रमा की युति जमकर लाभ देने वाली है। इस दौरान सभी स्थितियों में सुधार नजर आएगा। वहीं व्यापारियों का कोई बड़ा ऑर्डर मिल सकता है। किसी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं। जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा। साथ ही घर में सुखद माहौल बना रहेगा। नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन मिल सकता है।

कर्क राशि

चंद्रमा के मेष राशि में प्रवेश और गुरु के साथ युति से कर्क राशि वालों को काफी शुभ परिणाम प्राप्त होने वाले हैं। इस समय आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। आय के नए रास्ते खुलेंगे। परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। इस समय आपके रिश्तों में मधुरता आएगी। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। निवेश से अच्छा लाभ प्राप्त होगा।

धनु राशि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनु राशि वालों को दो ग्रहों की युति काफी लाभ कराने वाली है। इस समय आपके जीवन में कोई बड़ा बदलाव हो सकता है। ये समय आपके लिए काफी शुभ माना जा रहा है। लंबे समय से अटके हुए काम पूरे होंगे। किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। प्यार और रोमांस के मामले में भी ये समय लकी है। कोई बड़ी समस्या से छुटकारा मिलेगा। धन लाभ हो सकता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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