ओंकारेश्वर मंदिर में सुबह नौ बजे बाद नहीं चढ़ेगा जल और फूल-बेलपत्र
खंडवा। गुरूपूर्णिमा पर्व और सावन माह में भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन ने ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन-पूजन और नाव संचालन को लेकर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है।
पुनासा एसडीएम सीएस सोलंकी ने बताया कि धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता अंतर्गत चार जुलाई से 11 सितंबर तक के लिए भीड़ नियंत्रण और श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा के लिए विभिन्न कदम उठाए है।
दो जुलाई को गुरूपूर्णिमा और सावन माह में आने वाले श्रद्धालुओं की व्यवस्था को लेकर ओंकारेश्वर के घाटों और मंदिर क्षेत्र का भ्रमण कलेक्टर के निर्देश पर किया गया। विगत दिनों नर्मदा नदी के कोटीतीर्थ और चक्रतीर्थ घाट पर श्रद्धालुओं की नहाने के दौरान नदी में डूबने से मृत्यु की घटनाएं हुई हैं। ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं के स्नान और नाव संचालन, मंदिर में प्रवेश, पूजन व्यवस्था को लेकर जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
प्रमुख निर्देश
निकासी द्वार से प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
श्रीजी मंदिर गर्भगृह में प्रातः नौ बजे के बाद जल- बेलपत्र और फूल चढ़ाना और पंडे-पुजारियों का श्रद्धालुओं के साथ प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
पुलिस चौकी के पास वाले द्वार से विशेष अतिथि एवं विकलांग बुजुर्ग व्यक्ति ही प्रवेश करेंगे पंडे पुजारी अनावश्यक रूप से वहां पर भीड इकट्ठा नहीं करें।
विशेष दर्शन टिकट दर्शनार्थियों को ही दिया जाएगा। झूला पुल और पुराने पुल वाली दर्शनार्थियों की लाइन के पास पंडे-पुजारियों को खड़ा रहना प्रतिबंधित रहेगा। पंडे-पुजारी अनावश्यक रूप से यात्रियों को लाइन से नहीं निकालेगे।
दान काउंटर हाल में अभिषेक पूजन कराना प्रतिबंधित रहेगा। अभिषेक-पूजन निर्धारित अभिषेक हाल में ही होगा।
मंदिर प्रांगण में बिना अनुमति बैठना प्रतिबंधित रहेगा।
झूलापुल पर प्रवेश द्वार से प्याऊ और मंदिर तक भिक्षुक, फूल- बेलपत्र, प्रसाद, चंदन टीका लगाने वालें, प्रसाद बेचने वालें, फोटोग्राफर का बैठना प्रतिबंधित रहेगा। यही नियम पुराने पुल पर भी लागू रहेगा।
शनिवार, रविवार और सोमवार को कोटीतीर्थ घाट,चक्रतीर्थ घाट पर नाव का संचालन प्रतिबंधित रहेगा। शेष दिनों में नाव से सवारियों को मात्र इन घाटों पर छोडा जा सकेंगा। नाव संचालन वन-वे रहेगा।