जुलाई में शनि-मंगल की अशुभ युति समसप्तक योग के कारण आ सकती है बड़ी मुसीबत
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भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के गोचर के कारण अलग-अलग युति के निर्माण से कई योग भी निर्मित होते हैं। इनमें से कई योग व्यक्ति के लिए लाभदायक व हानिकारक होते हैं। जुलाई माह में शनि और मंगल ग्रह की युति के कारण समसप्तक योग निर्मित हो रहा है। ऐसा माना जाता है कि समसप्तक योग के कारण कई अशुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
जानें क्या होता है समसप्तक योग
मंगल का सिंह राशि में गोचर 1 जुलाई को
फैल सकता है धार्मिक उन्माद
1 जुलाई से 16 अगस्त के मध्य मंगल और राहु पर शनि की दृष्टि होने के कारण धार्मिक उन्माद फैल सकता है। इसके अलावा भारी बारिश के कारण भी तबाही देखने को मिल सकती है। समसप्तक योग के कारण पहाड़ों पर भूस्खलन और भूकंप आने की भी आशंका होती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक एक अन्य विशेष योग गुरु राहु से निर्मित हो रहा है। राहु फिलहाल गुरु को पीड़ित कर रहा है और शनि की मेष राशि पर नीच की दृष्टि है। इस कारण किसी मुद्दे पर देश की जनता सीधे प्रभावित हो सकती है। राहु धार्मिक उन्माद का कारक है, ऐसे लोगों में गलतफहमी पैदा कर सकती है। इस कारण समाज में तनाव हो सकता है।
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