भगवान जगन्नाथ के रथ के लिए पुरी से 22 जून को आएंगे गुंबद और शिखर
ग्वालियर। शिखर दर्शनम, पाप नाशनम शिखर के दर्शन मात्र से सभी पापों का नाश हो जाता है। भगवान जगन्नाथ के रथ के गुंबद और शिखर के दर्शन करने का महत्व है। ट्रांसपोर्ट नगर में तैयार हो रहे भगवान जगन्नाथ रथ के लिए काष्ठ व कपड़े का गुबंद, शिखर 22 जून को लाया जाएगा। पूजा-अर्चना कर विधि- विधान से रथ पर गुंबद व शिखर का स्थापित किया जाएगा।
परंपरा के अनुसार 14 दिन के ज्वर के बाद सोमवार भगवान पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हो गये। और भगवान जगन्नाथ ने अपने नये स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए हैं। लंबे इंतजार के बाद भगवान के भक्त झूम उठे और कीर्तन किया। कुलैथ के जगन्नाथ मंदिर में सोमवार को सात दिन के एकांतवास के बाद भक्तों के दर्शनों के लिए पट खोल दिए गए हैं। भगवान का विशेष श्रृंगार कर कुलैथ में 20 जून से भव्य रथयात्रा निकाली जाएगी।
भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर अभिभूत हुये भक्त
14 दिन के एकांतवास के बाद नया बाजार में इस्कान परिसर स्थित जगन्नाथ मंदिर के पट खुलने के बाद गर्भ- गृह की साज -सज्जा की गई। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र बहन सभुद्रा को नये वस्त्र धारण कर दिव्य व आलौकिक, नवयौवन श्रृंगार किया गया। भगवान के दर्शन कर हर भक्त भाव विभोर हो गया। कई भक्तों ने उत्साह उमंग से झूमते हुए संकीर्तन किया। भगवान को छप्पन भोग लगाए गए। इससे पहले 300 भक्तों ने मंदिर में पूर्ण भक्तिभाव के साथ झाड़ू सेवा की।
रथ यात्रा की तैयारियाों ने गति पकड़ी
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 24 जून को नगर में धूमधाम के साथ निकाली जाएगी। व्यापारियों व शहरवासियों में भगवान जगन्नाथ के रथ को लेकर विशेष उत्साह है। इस बार रथ यात्रा में शामिल होने वाले 15 से 20 हजार भक्तों को बंद पैकेट में प्रसाद वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही हर 50 मीटर की दूरी पर श्रद्धालुओं ने शीतल पेय व प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है। भगवान का रथ भी तैयार है।
भक्तों को दिए दर्शन, सुबह व रात को घट चढ़े
कुलैथ में सात दिन के एकांतवास के बाद सोमवार सुबह छह बजे भक्तों के दर्शनों के लिए मंदिर के पट खोले गए। भगवान को परंपरा अनुसार सात घट अर्पित किए गए। घट चार भागों में विभाजित हो गया। भात का प्रसाद भक्तों में वितरित किया गया। साथ ही सात दिन से चल रही श्रीमद् भागवत कथा का समापन हवन पूजन के सात समापन हुआ। मंगलवार को भंडारे का आयोजन किया गया है। साथ ही भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा की तैयारी शुरू हो गई। भगवान के रथ और पालकी को फूलों से सजाया जा रहा है। दोपहर तीन बजे भगवान को रथ में विराजित कर गांव में रथ यात्रा निकाली जाएगी। पुजारी भानु श्रीवास्तव ने बताया रथयात्रा गांव में भ्रमण कर माता मंदिर के प्रागंण में पहुंचेगी। भगवान जगन्नाथ रात्रि विश्राम माता के मंदिर में ही करेंगें। बुधवार को फिर घट चढ़ाने के रथ यात्रा प्रारंभ होगी, जो मंदिर पहुंचकर समाप्त होंगी। रथयात्रा में शामिल होने के लिए अन्य प्रांतों से भी लोग आते हैं।