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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
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जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में शार्ट सर्किट से बंद हुए वेंटीलेटर 12 बच्चों को आनन-फानन में किया रेफर

शहडोल। स्व. कुशाभाऊ ठाकरे शासकीय जिला चिकित्सालय की गहन शिशु चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू ) में बीती रात बिजली के शार्टशर्किट से बेंटीलेटर काम करना बंद कर दिए।इसके बाद अफरा तफरी मच गई, क्योंकि गंभीर नवजातों को यहां भर्ती करके उपचार दिया जाता है। किसी बड़ी अनहोनी से पहले भर्ती लगभग 12 बच्चों को आनन-फ़ानन में मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि अगर कुछ देर और हो जाती तो यहां बड़ा हादसा हो सकता था। ज्ञात हो कि शहडोल के निजी अस्पताल में बीते माह आग लग गई थी। इसी तरह जिला अस्पताल में बीते वर्ष भी शार्ट सर्किट से आग लग चुकी है।

शार्टसर्किट से निकलने लगी थीं चिंगारियां

रेफर किए गए बच्चों का इलाज मेडिकल कालेज में चल रहा है और सभी बच्चे सुरक्षित हैं। यदि चिकित्सीय स्टाफ देरी करता तो कुछ हो सकता था। जानकारी के अनुसार रात में अचानक शार्ट सर्किट होने से चिंगारिया निकालने लगी, जिससें मशीने बंद हो गई। ऐसी घटनाओं के पीछे कहीं न कहीं कुप्रबंधन नजर आ रहा है, क्योकि पूर्व में भी शार्ट सर्किट की कई घटनाएं जिला अस्पताल में हो चुकी है। बीते वर्ष जिला अस्पताल में शार्ट सर्किट से आग लग गई थी। पुरानी वायरिंग और बिजली फिटिंग की मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन ऐसी घटनाओं पर विराम नहीं लग सका है।

आपरेशन थिएटर में उपकरणों की चोरी भी हुई

अस्पताल प्रबंधन ऐसे संवेदनशील वार्डो में सुधार न कराकर बाहरी रंग रोगन पर ज्यादा ध्यान देते हैं। वही दूसरी ओर दूर दराज से अस्पताल मे आने वाले मरीजों को घंटो ओपीडी मे बैठकर चिकित्सकों का इन्तजार करना अब आम बात हो चुकी है। जिला चिकित्सालय के आपरेशन थिएटर से कुछ कीमती मशीन चोरी होने का मामला भी सामने आया है, जिसकी शिकायत भी कोतवाली में की गई है।

लापरवाही की हद, सिविल सर्जन ने झाड़ा पल्ला

शार्टशर्किट की घटना को लेकर अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन मामले को हल्के में ले रहा है। इस मामले में सिविल सर्जन ने कहा की ऐसा कुछ नहीं हुआ है। मात्र लोड बढ़ने के कारण बच्चों को रेफर किया गया है।

मेडिकल कालेज में अचानक कम पड़ने लगा स्टाफ

जानकारी के अनुसार मेडिकल कालेज के एसएनसीयू में 20 बेड व पीआईसीयू मे 10 बेड की क्षमता है। इसी के अनुसार वहां स्टाफ की तैनाती की गई है ,लेकिन बीते रात जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू वार्ड मे शार्ट सर्किट के बाद जिला अस्पताल से 12 बच्चों को आनन-फानन में मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। इसके बाद मेडिकल कालेज के एसएनसीयू वार्ड में कुल क्षमता 20 बेड पर 41 तथा पीआईसीयू में 10 की जगह 12 बच्चों को भर्ती करना पड़ा। एकाएक दर्जन भर बच्चों के जिला चिकित्सालय से रेफर करने से मेडिकल कालेज के उक्त दोनों वार्ड में स्टाफ की कमी महसूस होने लगी।

मेडिकल कालेज के कबूली घटना

इस संबंध में मेडिकल कालेज प्रबंधन व वहां के वार्ड प्रभारी डाक्टर निशांत प्रभाकर द्वारा समुचित उपचार किया जा रहा है। डा. निशांत प्रभाकर ने बताया कि जिला अस्पताल से 12 बच्चे रेफर होकर आए है। वहां शार्ट शर्किट के कारण कोई समस्या हो गई थी।

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