इरेक्टाइल डिसफंक्शन : कारण, उपचार और सर्जिकल विकल्प
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इरेक्टाइल डिसफंक्शन : कारण, उपचार और सर्जिकल विकल्प
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED), जिसे स्तंभन दोष भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुष अपने लिंग में पर्याप्त स्तंभन (इरेक्शन) प्राप्त करने या बनाए रखने में असमर्थ होता है। यह समस्या अस्थायी या स्थायी हो सकती है और यह व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या होता है ?
डॉक्टर अर्जुन सिंह शेखावत, एंड्रोलॉजिस्ट के अनुसार, इरेक्टाइल डिसफंक्शन वह स्थिति है जिसमें रक्त का प्रवाह लिंग में सही तरीके से नहीं हो पाता है, जिससे संतोषजनक यौन संबंध बनाना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन 40 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में अधिक देखने को मिलती है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्यों होता है
इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य रूप से *शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के कारक* शामिल हैं :
1. शारीरिक कारणों में निम्न है :
उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, हृदय रोग, हार्मोनल असंतुलन (जैसे टेस्टोस्टेरोन की कमी), धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन, नर्व डैमेज या चोट
2. मानसिक स्थिति एक कारण :
तनाव और चिंता , अवसाद (डिप्रेशन), रिलेशनशिप समस्याएं , आत्मविश्वास की कमी
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के उपचार के विकल्प
डॉ. अर्जुन सिंह शेखावत बताते हैं कि इसका उपचार व्यक्ति की समस्या की गंभीरता और कारणों पर निर्भर करता है।
1. जीवनशैली में बदलाव :
नियमित व्यायाम करें। , संतुलित और पौष्टिक आहार लें। , धूम्रपान और शराब से बचें। , तनाव प्रबंधन के लिए योग और मेडिटेशन करें।
2. दवाओं का उपयोग :
PDE-5 इनहिबिटर दवाएं (जैसे सिल्डेनाफिल, टाडालाफिल) डॉक्टर की सलाह से ली जा सकती हैं।
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (टेस्टोस्टेरोन की कमी होने पर)।
3. मनोवैज्ञानिक उपचार :
मानसिक तनाव और चिंता को दूर करने के लिए काउंसलिंग या थेरेपी। , रिलेशनशिप काउंसलिंग।
सर्जिकल विकल्प भी है
जब अन्य उपाय प्रभावी नहीं होते, तो सर्जिकल विकल्पों का सहारा लिया जा सकता है।
1. पेनाइल इम्प्लांट :
इसमें लिंग में एक कृत्रिम डिवाइस लगाया जाता है जो व्यक्ति को इरेक्शन प्राप्त करने में मदद करता है।
यह प्रक्रिया स्थायी समाधान प्रदान करती है।
2. वेस्कुलर सर्जरी :
यह उन पुरुषों के लिए उपयोगी है जिनमें लिंग में रक्त प्रवाह की समस्या होती है।
इसमें ब्लड वेसल्स की मरम्मत की जाती है।
3. इंजेक्शन या वैक्यूम डिवाइस :
लिंग में सीधे दवा इंजेक्ट की जाती है, जिससे इरेक्शन होता है। वैक्यूम डिवाइस का उपयोग रक्त को लिंग में खींचने के लिए किया जाता है।
संदेश : डॉ. अर्जुन सिंह शेखावत का कहना है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन कोई असामान्य समस्या नहीं है, घबराने की जरूरत नहीं और इसका प्रभावी उपचार संभव है। यदि किसी को यह समस्या हो, तो उसे संकोच नहीं करना चाहिए और तुरंत संपर्क करना चाहिए। जीवनशैली में छोटे बदलाव और सही उपचार से यह समस्या पूरी तरह से ठीक हो सकती है।
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