ध्यान और योग – त्वचा विकार करते है कम
विश्व मनो-त्वचाविज्ञान दिवस: पर त्वचा के स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के बीच छिपे संबंधो पर चर्चा
ध्यान और योग – त्वचा विकार करते है कम
विश्व मनो-त्वचाविज्ञान दिवस: पर त्वचा के स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के बीच छिपे संबंधो पर चर्चा
जयपुर दिनाक 16 नवंबर 2024
विश्व मनो-त्वचाविज्ञान दिवस पर राजस्थान अस्पताल में मनो चिकित्सा एव त्वचा एव यौन रोग विभाग द्वारा सयुंक्त रूप से जनजागृति हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमे एक पोस्टर का विमोचन भी किया गया
इस अवसर पर जानकारी देते हुए राजस्थान अस्पताल के वरिष्ठ मनो चिकित्स्क डॉ राघव शाह ने बताया कि विश्व मनो-त्वचाविज्ञान दिवस का उद्देश्य त्वचा के स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के बीच होने वाले रोगो की जानकारी बढ़ाना है हमारी त्वचा और दिमाग के बीच का जटिल संबंध हमारे समग्र स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है, और दोनों को बनाए रखने के लिए सक्रिय कदम उठाना महत्वपूर्ण है।
वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ दिनेश माथुर ने त्वचा के स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध पर जानकारी देते हुए बताया कि
तनाव और चिंता मुँहासे, एक्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं को ट्रिगर कर सकती है।
त्वचा की स्थिति, कम आत्मसम्मान, अवसाद और चिंता जैसी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को जन्म दे सकती है।
– त्वचा और मस्तिष्क आंत-त्वचा अक्ष और न्यूरोट्रांसमीटर के माध्यम से एक जटिल संबंध साझा करते हैं।
डॉ दिनेश माथुर ने बताया कि मानसिक रोगो से कई प्रकार के त्वचा के विकार पैदा होते है जैसे मुहांसे, एक्जिमा, सोरायसिस, रोसैसिया, अत्यधिक पसीना आना आदि
डॉ. राघव शाह ने दोनों को स्वस्थ रखने के लिए सावधानियाँ के बारे में बताया कि ध्यान और योग जैसी तनाव कम करने वाली तकनीकों का अभ्यास करें।
– ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन और खनिजों से भरपूर संतुलित आहार लें। हाइड्रेटेड रहें और पर्याप्त नींद लें। नियमित व्यायाम और बाहरी गतिविधियों में शामिल हों। इसी प्रकार त्वचा रोगो से मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है जैसे कम आत्मसम्मान हों, अवसाद, चिंता, मूड स्विंग, सामाजिक अलगाव !
मनो-त्वचा संबंधी विकार जैसे बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर, डर्मेटाइटिस आर्टिफैक्टा, फैक्टिटियस डिसऑर्डर, न्यूरोटिक एक्सकोरिएशन, अवसाद, चिंता संबंधी विकार, पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर ।
इस अवसर पर फिजिशियन डॉ. डी के जैन, न्यूरोलॉजिस्ट डॉ अनिल कोठीवाला, गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ अजय सिंह, रेडिओलगिस्ट डॉ अपार माथुर एव प्रेरणा सिंह तथा डॉ महेश शाहू डॉ अरुण शर्मा एव डॉ. चित्राक्षी, डॉ रीवा चौधरी ने भी चर्चा में भाग लिया तथा कहा कि विश्व मनो-त्वचा विज्ञान दिवस त्वचा स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के परस्पर संबंध को स्वीकार करके हमारे समग्र स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है।
हम सबको सक्रिय कदम उठाकर और संकेतों, लक्षणों और बीमारियों के बारे में जागरूक होकर, हम अपनी त्वचा और दिमाग के बीच एक स्वस्थ संबंध को बढ़ावा देना चाहिए !
डॉ दिनेश माथुर
9829061176