विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
दवा उद्योग / medicine tradeशासन प्रशासन

आरजीएचएस अधिकृत दवा विक्रेता सरकार के मनमाने रवैये को लेकर हड़ताल पर

भजन लाल सरकार की साख गिराने में लगे हैं कुछ अधिकारी।

आरजीएचएस अधिकृत दवा विक्रेता सरकार के मनमाने रवैये को लेकर हड़ताल पर

भजन लाल सरकार की साख गिराने में लगे हैं कुछ अधिकारी।

दवा विक्रेताओं की हड़ताल से राज्य की जनता में सरकार के प्रति गलत संदेश जा रहा है सरकार के उदासीन रवैये से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।

राजस्थान राज्य सरकार के द्वारा कर्मचारी एंव पेंशनर्स के लिए दवाईयाँ उपलब्ध कराए जाने के लिए RGHS की स्कीम चलाई गई। सरकार के द्वारा इस स्कीम को प्रारंभ करते समय प्राइवेट दवा विक्रेताओं को इस बात के लिए आश्वस्त किया गया था कि उनके द्वारा राज्य सरकार में कर्मचारी एंव पेंशनर्स के लिए दी गई दवाईयाँ की राशि का पुर्नभरण 21 दिनों में कर दिया जाएगा।

इस आश्वासन पर विश्वास करते हुए राज्य के सैकडों दवा विक्रेताओं के द्वारा RGHS स्कीम में दवाईयाँ देने के लिए अपने मेडिकल स्टोर को रजिस्टर्ड करवाया था। जिसके लिए विभाग मे एक लाख रूपये की बैंक गारंटी भी जमा करवायी गई है।

लेकिन राज्य सरकार के द्वारा विगत ढाई साल से ज्यादा समय से ना तो इन दवा विक्रेताओ के द्वारा दी गई दवा की राशि का भुगतान समय पर किया जा रहा है एंव ना ही इन दवा विक्रेताओं की परेशानियो पर ध्यान देकर उनका समाधान किया जा रहा है।

संबधित विभाग के अधिकारीयों के द्वारा मनमानेपुर्ण तरीके के काम करते हुए दवा विक्रेताओ के बिलो को बिना किसी उचित कारण के रिजेक्ट किया जा रहा है या उन बिलो में डिडेक्शन कर दिया जाता है।

समय समय पर विभाग के अधिकारीयों के समक्ष लिखित ज्ञापन दिए गए है तथा अधिकारीयों को इन समस्याओं से अवगत भी कराया जाता रहा है।

राज्य के सैकडों दवा विक्रेताओ का भुगतान बकाया चल रहा है जिसके कारण इन दवा विकताओं के सामने जीवनयापन का गंभीर आर्थिक संकट खडा हो गया है और इनके सामने अपनी मेडिकल स्टोर को बंद करने की स्थिति आ गई है।

इन सैंकडो दवा विक्रेताओं को उनकी बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के बाबत् दिनांक 10.08.2024 से राज्य सरकार में कार्यरत कर्मचारी एंव पेंशनर्स के लिए दवाईयाँ का उपलब्ध कराया जाना संभव नही हो रहा है।

दवा विक्रेताओं ने बताया कि आर जी एच एस केमिस्ट यूनियन के सदस्य वित्त सचिव देवाशीष से भी मिले थे परियोजना अधिकारी शिप्रा विक्रम आर जी एच एस केमिस्ट की समस्या का मुख्य बाधक बनी हुई है जो अपने उच्च अधिकारियों को समस्या से अवगत नही कराती है बल्कि उच्च अधिकारियों को गलत जानकारी देकर भृमित करती है। आर जी एच एस केमिस्ट जब वित्त सचिव देबाशीष जी से मिले तो वे आवक्क थे कि मुझे तो कोई जानकारी ही नही दी गयी कि 30 से 35 महीने से केमिस्ट को पेमेंट समय पर नही मिलना, बिलो को रिजक्श करना, बिल का शॉर्ट पेमेंट करना, बिल में डिडक्सन भी हुए है।

आरजीएस स्कीम के अंतर्गत भुगतान न होने से न केवल दवा विक्रेता परेशान है बल्कि राज्य की जनता ज्यादा त्रस्त है। मरीज को समय पर और उचित जगह से दवाई नहीं मिल पाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Related Articles

Back to top button