एंजियो प्लास्टी हो या बाइपास दवाओं के साथ लाइफ स्टाइल में परिवर्तन जरुरी
एंजियो प्लास्टी हो या बाइपास
दवाओं के साथ
लाइफ स्टाइल में परिवर्तन जरुरी
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर वरिष्ठ हदय रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील जैन ने बताया कि हदय रोगी एंजियोप्लास्टी या बाईपास किसी भी तरीके से इलाज के बाद यह नहीं समझना चाहिए कि उनका हृदय रोग पूर्णतया समाप्त हो गया है और अब वह पहले की तरह बिगड़ी लाइफस्टाइल के साथ कोई दिक्कत नही हैं।
हम रोगी को अच्छी तरह से तर्को के साथ यह समझाते हैं कि दवाओं के साथ-साथ आपको अपनी लाइफ स्टाइल में परिवर्तन करना जरुरी है।
आपकी अब लाइफस्टाइल क्या होनी चाहिए। जिन लोगों की एंजियो प्लास्टी या बाईपास हो जाती है तो उन्हें यह डर सताने लगता है कि मैं अब कमजोर हो गया हूं और पूर्णतया जोश के साथ जीवन यापन करने में अपने आप को असक्षम मानने लगते हैं जबकि इसके बाद भी सहज जीवन आसान दिनचर्या के साथ जिया जा सकता है।
इसमें ज्यादा से ज्यादा परिवार के साथ समय बिताना, नौकरी में संतुलन, संतुलित व्यवहार करना, डाइट इस प्रकार की ली जानी चाहिये जो आपको प्रसन्न और स्वस्थ रखे।
भविष्य में शरीर में किस किस प्रकार के जांचों की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा हम एक्सरसाइज कैसे शुरू करनी है, कब करनी है, कितनी करनी है, यह सब बताते हैं और उनको नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत देते हैं ताकि वे अपने अंत समय तक सरल और सहज जीवन यापन बिना किसी तकलीफ के कर सकें। होता क्या है कि जब व्यक्ति अपने आप को स्वस्थ महसूस करता है तो वह दवाओं का सेवन या तो छोड़ देता है या मात्रा कम ज्यादा कर देता है यह सोच गलत है। दवाओं को अपनी मर्जी से नहीं छोड़ना चाहिए न ही उसकी मात्रा अपनी मर्जी से कम ज्यादा करनी चाहिए।
हृदय रोगी यदि समय समय पर चिकित्सकीय परामर्श लेकर के अपने जीवन में संतुलन बनाए रखेगा तो हम यह विश्वास दिलाते हैं कि मरीज को हृदय रोग के लिए दोबारा ऑपरेशन शायद ही कराना पड़े।
संपर्क – डॉ. सुनील जैन मो +91 94140 63035