
वैलेंटाइन डे : प्रेम का सही अर्थ समझने की जरूरत
आज की युवा पीढ़ी जिस तरह से वैलेंटाइन डे को मना रही है, वह कहीं न कहीं हमारी संस्कृति और संस्कारों में गिरावट का संकेत है। प्रेम के इस पर्व को नशे और भौतिक सुखों में डूबकर मनाना निश्चित रूप से चिंता का विषय है।
सोचो
प्रेम : केवल वासना नहीं, बल्कि वात्सल्य और सम्मान भी
वैलेंटाइन डे का असली अर्थ और महत्व तब ही सार्थक होगा, जब हम इसे संस्कारों, स्नेह और सकारात्मकता के साथ मनाएं। यह सिर्फ एक प्रेमी-प्रेमिका तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि हमें इसे अपने माता-पिता, भाई-बहन, दोस्तों और परिवार के प्रति प्रेम जताने का अवसर बनाना चाहिए।
सोच बदलनी होगी : प्रेम को सार्थक बनाएं
✅ नशे और अनैतिक गतिविधियों से दूर रहकर इस दिन को मनाएं।
✅ अपने माता-पिता, भाई-बहन, जीवनसाथी और मित्रों के साथ प्रेम और सम्मान व्यक्त करें।
✅ सेवा, स्नेह और समर्पण का भाव अपनाएं।
✅ प्रेम का अर्थ केवल शारीरिक आकर्षण नहीं, बल्कि मानवीय संबंधों का सम्मान भी है।
सोच बदलनी होगी
वैलेंटाइन डे : एक नई परिभाषा की ओर
यदि हमें वास्तव में प्रेम को शुद्ध और सार्थक रूप देना है, तो हमें अपनी सोच और दृष्टिकोण बदलना होगा। वैलेंटाइन डे केवल पश्चिमी दिखावे और व्यर्थ के उत्सव का नाम नहीं है, बल्कि यह अवसर है सच्चे प्रेम और मानवीय मूल्यों को अपनाने का। आइए, इस दिन को सकारात्मक ऊर्जा, वात्सल्य और स्नेह के साथ मनाएं और समाज में एक नई सोच को बढ़ावा दें।
संपर्क सूत्र : डॉक्टर मानसिंह भाँवरिया मो 9672 777 7737