एडवांस्ड रोबोटिक्स और एआई – प्रिसीजन और प्रोग्रेस” पर एक दिवसीय सीएमई का भव्य आयोजन
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“एडवांस्ड रोबोटिक्स और एआई – प्रिसीजन और प्रोग्रेस” पर एक दिवसीय सीएमई का भव्य आयोजन
एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर में वटिकुट्टी फाउंडेशन, यूएसए के सहयोग से आधुनिक चिकित्सा तकनीकों पर विशेषज्ञों ने साझा किए अपने अनुभव
जयपुर: चिकित्सा के क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने और आधुनिक रोबोटिक एवं एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीकों की उपयोगिता पर चर्चा करने के लिए “एडवांस्ड रोबोटिक्स और एआई – प्रिसीजन और प्रोग्रेस” विषय पर एक दिवसीय सीएमई (Continuing Medical Education) का आयोजन किया गया। यह आयोजन एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर के यूरोलॉजी विभाग और वटिकुट्टी फाउंडेशन, यूएसए के सहयोग से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की मुख्य बातें
इस कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष डॉ. शिवम प्रियदर्शी, एचओडी, यूरोलॉजी, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर ने बताया कि अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीकों और सर्जिकल नवाचारों को साझा करने के लिए विश्वभर से 250 से अधिक विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने इस बैठक में भाग लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान की उप मुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और चिकित्सा में अत्याधुनिक तकनीकों के महत्व को रेखांकित किया।
आयोजन सचिव डॉ. नचिकेत व्यास और डॉ. नीरज अग्रवाल ने बताया कि इस कार्यक्रम में मेटावर्स, ह्यूमन डिजिटल ट्विन्स, हाइड्रोजेल मॉडल्स जैसे नवीनतम एआई-सक्षम सर्जिकल प्रशिक्षण उपकरणों का प्रदर्शन किया गया, जो सर्जिकल सटीकता (Surgical Precision) और मरीजों की सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाने में सहायक हैं।
वैश्विक विशेषज्ञों का योगदान
इस सम्मेलन में विश्व प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने अपने शोध और अत्याधुनिक तकनीकों को साझा किया:
✅ डॉ. फ्रांसेस्को पोर्पिग्लिया – सैन लुइगी गोंजागा हॉस्पिटल, यूनिवर्सिटी ऑफ ट्यूरिन, इटली
✅ डॉ. डेनिएले अम्पारोरे – सैन लुइगी गोंजागा हॉस्पिटल, यूनिवर्सिटी ऑफ ट्यूरिन, इटली
✅ डॉ. एंथनी कॉस्टेलो – ऑस्ट्रेलिया
✅ डॉ. प्रोकर दास गुप्ता – इंग्लैंड
वटिकुट्टी फाउंडेशन, यूएसए के सीईओ डॉ. महेंद्र भंडारी ने बताया कि ये तकनीकें सर्जरी को अधिक कुशल, सटीक और मरीजों के लिए सुरक्षित बनाने में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं।
रोबोटिक्स और एआई: चिकित्सा जगत में नई क्रांति
1️⃣ ह्यूमन डिजिटल ट्विन्स :
यह एक डिजिटल रिप्लिका है जो मरीज के शरीर की अत्यधिक सटीक नकल बनाता है। इससे सर्जन वास्तविक ऑपरेशन से पहले ही संभावित जटिलताओं को समझ सकते हैं और उपचार योजना को पहले से तैयार कर सकते हैं।
2️⃣ हाइड्रोजेल मॉडल्स :
ये 3D प्रिंटेड बायोलॉजिकल मॉडल्स होते हैं जो इंसानी ऊतकों की तरह महसूस होते हैं और सर्जिकल प्रशिक्षण को यथार्थवादी बनाते हैं। इनसे सर्जन कम जोखिम के साथ नई तकनीकों का अभ्यास कर सकते हैं।
3️⃣ मेटावर्स और एआई :
एआई-सक्षम वर्चुअल ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म सर्जनों को दूरस्थ रूप से भी रियल-टाइम में सर्जरी का प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करने में मदद कर रहे हैं।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज और वटिकुट्टी फाउंडेशन की साझेदारी
एसएमएस मेडिकल कॉलेज और वटिकुट्टी फाउंडेशन, यूएसए के बीच सहयोग चिकित्सा क्षेत्र में तकनीक और अत्याधुनिक सर्जिकल उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस पहल से युवा सर्जनों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा और चिकित्सा क्षेत्र में भारत को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के कोषाध्यक्ष डॉ. गोविंद शर्मा ने बताया कि यह साझेदारी सर्जिकल प्रक्रियाओं को अधिक कुशल और कम जोखिमभरा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
संदेश :
“एडवांस्ड रोबोटिक्स और एआई – प्रिसीजन और प्रोग्रेस” सीएमई का आयोजन चिकित्सा जगत में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। एआई और रोबोटिक्स से जुड़ी इन नई तकनीकों के जरिए मरीजों को बेहतरीन इलाज मिलेगा और सर्जिकल सटीकता में नया मील का पत्थर स्थापित होगा।
➡ आधुनिक चिकित्सा में क्रांति लाने वाले ऐसे आयोजनों से भारत में चिकित्सा सेवाओं का स्तर और अधिक उन्नत होगा।
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