विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
cancer / कैंसरधर्म-समाज-संस्था

कैंसर: समय पर जांच और जागरूकता से संभव है बचाव

विश्व कैंसर दिवस : जागरूकता से बचाव की ओर एक कदम

विश्व कैंसर दिवस : जागरूकता से बचाव की ओर एक कदम

जयपुर, 4 फरवरी: कैंसर एक गंभीर और जीवन को प्रभावित करने वाली बीमारी है, जो हर वर्ष लाखों लोगों की जान ले रही है। हालांकि, समय पर पहचान और उचित उपचार से इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस पर राजस्थान अस्पताल में एक जन चेतना कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें कैंसर की रोकथाम, उपचार और जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया गया।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने किया जागरूक

कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ एवं निवारक ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. वीणा आचार्य द्वारा कैंसर जागरूकता प्रशिक्षण से हुई। इस दौरान 9 से 14 वर्ष की आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) के खिलाफ मुफ्त टीकाकरण प्रदान किया गया, जो गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की रोकथाम में अत्यंत प्रभावी है। इसके साथ ही, कैंसर से जुड़ी जागरूकता को बढ़ाने के लिए एक पोस्टर विमोचन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर की कुलपति प्रोफेसर अल्पना कटीजा थीं, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान अस्पताल के चेयरमैन और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), जोधपुर के निदेशक डॉ. एस.एस. अग्रवाल ने की।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर कटीजा ने कहा,

“कैंसर वैश्विक स्तर पर एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बना हुआ है। जागरूकता, रोकथाम और टीकाकरण से हम इस चुनौती से निपट सकते हैं। हम कॉलेज के युवाओं में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के टीकाकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ठोस योजना बनाएंगे।”

डॉ. अग्रवाल ने मरीजों की देखभाल में पारदर्शिता, सम्मान, समझ, कौशल और समर्पित उपचार के महत्व को रेखांकित किया।

गर्भाशय ग्रीवा कैंसर: एक गंभीर खतरा

डॉ. वीणा आचार्य ने बताया कि विश्व स्तर पर गर्भाशय ग्रीवा कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है।

हर साल 570,000 नए मामले सामने आते हैं और 311,000 मौतें होती हैं।

भारत में यह आंकड़ा 96,000 नए मामलों और 60,000 मौतों तक पहुंच जाता है।

यह बीमारी मुख्य रूप से एचपीवी संक्रमण के कारण होती है, जिसे टीकाकरण से रोका जा सकता है।

स्तन कैंसर: भारत में सबसे आम कैंसर

डॉ. शालू गुप्ता ने स्तन कैंसर की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि,

विश्व स्तर पर हर साल 23 लाख नए मामले सामने आते हैं और 685,000 मौतें होती हैं।

भारत में 1,62,500 नए मामले और 87,000 मौतें दर्ज की जाती हैं।

नियमित मैमोग्राफी जांच और जागरूकता से इस कैंसर को समय रहते रोका जा सकता है।

विशेषज्ञों ने की महत्वपूर्ण चर्चा

डॉ. मधुलिका ने कैंसर के आधुनिक उपचार पद्धतियों की जानकारी दी।

डॉ. तरु छाया ने एक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया, जिससे लोगों को कैंसर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं।

डॉ. अंशु पटोदिया, डॉ. मंजू महेश्वरी और डॉ. अंजू मेहता ने एक पैनल चर्चा का संचालन किया, जिसमें कैंसर की रोकथाम और उपचार पर विस्तृत चर्चा की गई।

जागरूकता रैली का आयोजन

कार्यक्रम के अंत में एक जागरूकता रैली आयोजित की गई, जिसमें चिकित्सकों, छात्रों और आम नागरिकों ने भाग लिया। नारे और जागरूकता संदेशों के माध्यम से “कैंसर से बचाव संभव है” का संदेश दिया गया।

समय पर जांच और जागरूकता से संभव है बचाव

विश्व कैंसर दिवस केवल एक दिन मनाने का विषय नहीं, बल्कि यह हमें स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने और समय पर जांच कराने का संदेश देता है। आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों ने कैंसर के उपचार को पहले से अधिक प्रभावी बना दिया है, लेकिन समय पर पहचान, सही जानकारी और जागरूकता ही इससे बचाव का सबसे मजबूत तरीका है।

संपर्क सूत्र : डॉ. दिनेश माथुर

संपर्क: 9829061176

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Related Articles

Back to top button