IPM वाले उच्च गुणवत्ता वाले मसाले पेश किए श्याम मसाले ने। कंपनी की शीघ्र ही आईपीओ लाने की तैयारी : रामवतार अग्रवाल
श्यामधणी इंडस्ट्रीज लिमिटेड
श्याम मसाले लाए भारत में पहली बार IPM क्वालिटी के मसाले
स्वाद शुद्धता और सेहत पहला लक्ष्य : रामावतार अग्रवाल
IPM क्वालिटी में पेस्टीसाइड एवं रसायनिक खादों का उपयोग निर्धारित मात्रा में मानक स्तर के अनुरूप किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए 100% शुद्ध होता है
जयपुर।
स्वस्थ शरीर अनमोल होता है। स्वस्थ शरीर में खानपान की ही भूमिका होती है और खानपान आहार में मसाले ही शुद्धता की नींव होते हैं।
श्याम मसाले देश में पहली बार पेस्टीसाइड एवं रसायनिक खादों के कारण आने वाली स्वास्थ्य सम्बन्धी गड़बड़ियों से मुक्ति दिलाने के लिए IPM (इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट) के अनुरूप गुणवत्तायुक्त मसालों का उत्पादन प्रारम्भ कर बाजार में पेश किए है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा जाँच अभियान चलाकर मसालों में गुणवत्ता की कमी बताकर सैंपल लिए गए थे जिसके कारण मसाला उद्योग पर बुरा प्रभाव पड़ा था इन्ही कारणों को ध्यान में रखकर श्याम मसाले के प्रबंध निदेशक रामावतार अग्रवाल ने प्रेसवार्ता बुलाकर IPM के बारे में पत्रकारों को IPM (इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट) क्या है और इसकी गुणवत्ता के बारे में बताया।
अग्रवाल ने बताया कि अभी तक देश में दो प्रकार की खेती की ही जानकारी किसानो को थी, एक सामान्य (परम्परागत) खेती और एक जैविक (Organic) खेती। इन दोनों ही प्रकार की खेती में चाहे मौसम की मार कहो या पेस्टिसाइड्स का कम ज्यादा इस्तेमाल होना कहलो उत्पाद, स्वास्थ्य विभाग के मापदंडों पर खड़े नहीं उतरेंगे। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा मसालों में मानक स्तर से अधिक पेस्टीसाइड होना बताया गया है इसका संज्ञान लेते हुए श्यामधणी द्वारा विशेष अनुसन्धान (Research) किया गया और पता लगाया कि कौनसे क्षेत्र में किस फसल में पेस्टीसाइड की मात्रा मानक स्तर से ज्यादा आ रही है और जिस भी उत्पाद में खाद्य सुरक्षा विभाग के मानक स्तर से अधिक पेस्टीसाइड की मात्रा आ रही थी, इसके लिये श्याम मसाला ने IPM (इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट) खेती पर ध्यान दिया और अपने उन उत्पादों को IPM क्वालिटी में लाँच किया, IPM क्वालिटी में खेती से फसल में प्राकृतिक संतुलन एवं पर्यावरण शुद्ध बना रहता है।
इसके लिए श्यामधणी ने किसानो के साथ अनुबन्ध खेती करवाने का फैसला लिया साथ ही कृषि विज्ञान से जुड़े हुए लोगों का सहयोग लेकर IPM के रूप में तीसरे प्रकार की खेती पर जोर दिया और किसानो को भी IPM खेती के लिए जागरूक करने का काम भी किया।
उन्होंने जनता तक भी यह सन्देश ज्यादा से ज्यादा पहुँचाने का लक्ष्य भी लिया कि IPM उत्पाद स्वास्थ्य के लिए 100% शुद्ध होता है।
कार्यक्रम में बाबूलाल गुप्ता (राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय उद्योग व्यापार मंडल एवं चेयरमैन राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने अपने संबोधन में बताया कि इस विषय में हमने सरकार और खाद्य सुरक्षा विभाग में अपनी बात रखी है। उन्होंने प्रेस से यह भी कहा कि श्याम मसाले ने गुणवत्ता के बल पर पूरे भारत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
प्रेसवार्ता में श्याम मसाले के निदेशक विठ्ठल अग्रवाल ने बताया कि हम आमजन की सेहत के लिए उच्च मानकों को अपनाते रहे हैं और उसी बात को ध्यान में रखते हुए IPM क्वालिटी के उत्पादन बाजार में उतारे हैं।
श्याम मसाले के ZBM प्रदीप पारीक ने मंच संचालन करते हुए कंपनी और उसके उत्पादन के बारे में बताया।
प्रेस को संबोधित करते हुए श्याम मसाले के मैनेजिंग डायरेक्टर रामवतार अग्रवाल ने कहा कि अमूमन किसानों को यह ज्ञान नहीं होता कि फसल में पेस्टिसाइड्स कितना डालना है वह अपने अनुमान और अनुभव से ही डालते हैं ज्यादा कीटनाशक डाल दो तो लाभदायक कीट भी नष्ट हो जाते हैं और कम डालो तो हानिकारक कीट नष्ट नहीं होते इस वजह से फसल निम्न गुणवत्ता की प्राप्त होती है।
आईपीएम के अंतर्गत सटीक मापदंड के आधार पर पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल होता है और मौसम के अनुकूल फसल मिलती है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कंपनी की को डायरेक्टर ममता अग्रवाल और उनके पुत्र विट्ठल अग्रवाल भी मौजूद रहे।
कंपनी शीघ्र ही बाजार में अपना आईपीओ लाने वाली है वर्तमान में कंपनी का वार्षिक टर्नओवर लगभग 200 करोड़ है कंपनी के राजस्थान में 270 से अधिक डिस्ट्रीब्यूटर है और 400 से अधिक एम्पलाई कंपनी के साथ कार्यरत हैं कंपनी के वर्तमान में दो प्लांट एक विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एरिया दूसरा दिल्ली हाईवे जाटावाली में स्थित है कंपनी का दिल्ली हाईवे पर स्वयं का 18 बीघा का फार्म हाउस भी उपलब्ध है कंपनी के भविष्य में अपने हर उत्पादों को आईपीएम के अंतर्गत बाजार में उतरने की तैयारी है।