गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम में स्क्रीनिंग का बहुत महत्व : dr veena acharya
गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम में स्क्रीनिंग का बहुत महत्व
स्क्रीनिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है अहम योगदान – सूक्ष्म परिवर्तनों का पता लगाकर स्क्रीनिंग की सटीकता में सुधार किया जा सकता है।
जयपुर 17 अगस्त। फेडरेशन ऑफ़ गायनी ऑब्स सोसाइटी के राष्ट्रिय सम्मलेन में बोलते हुए राजस्थान अस्पताल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ वीणा आचार्य ने बताया कि सॅर्वाईकल कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है, जिसमें हर साल 600,000 से ज़्यादा नए रोगी सामने आते हैं, तथा हर साल लगभग 340,000 महिलाएँ सर्वाइकल कैंसर से काल कवलित हो जाती है।
भारत में दुनिया के सर्वाइकल कैंसर का लगभग 16% हिस्सा है, जिसमें हर साल लगभग 123,000 नए मामले सामने आते हैं। भारत में हर साल सर्वाइकल कैंसर से लगभग 67,000 महिलाएँ मरती हैं, जो इसे स्तन कैंसर के बाद भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर बनाता है।
डॉ आचार्य ने कहा कि गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम में स्क्रीनिंग का बहुत महत्व है, तथा शीघ्र पहचान से स्क्रीनिंग गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर-पूर्व परिवर्तनों की पहचान कर सकती है, जिससे कैंसर विकसित होने से पहले ही समय रहते उपचार किया जा सकता है।
पैप स्मीयर और एचपीवी परीक्षण एव वाया जैसी नियमित जांच ने गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की घटनाओं और मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी की है।
स्क्रीनिंग विश्व स्वास्थ्य संगठन की रणनीति का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त करने के लिए है, जिसका लक्ष्य 35 वर्ष की आयु तक 70% महिलाओं की जांच करना और फिर 45 वर्ष की आयु तक जांच करना है।
डॉ वीणा आचार्य ने सर्विकेयर नामक एक आधुनिक उपकरण द्वारा स्क्रीनिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि इसके द्वारा सूक्ष्म परिवर्तनों का पता लगाकर स्क्रीनिंग की सटीकता में सुधार किया जा सकता है, जो कई बार मानव पर्यवेक्षकों द्वारा छूट सकता हैं, जिससे कैंसर-पूर्व घावों का अधिक विश्वसनीय निदान हो सकता है। AI-संचालित स्क्रीनिंग उपकरण उच्च प्रशिक्षित कर्मियों की आवश्यकता को कम करके, विशेष रूप से संसाधन-सीमित सेटिंग्स में अधिक लागत-प्रभावी हो सकते हैं। AI बड़ी मात्रा में डेटा को तेज़ी से संसाधित करके स्क्रीनिंग कार्यक्रमों को बढ़ाने में सहायता कर सकता है, जिससे सीमित स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे वाले क्षेत्रों में भी व्यापक स्क्रीनिंग को लागू करना संभव हो जाता है।
डॉ वीणा ने बताया कि AI व्यक्तिगत जोखिम कारकों के आधार पर स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल तैयार करने, परिणामों में सुधार करने और अनावश्यक हस्तक्षेपों को कम करने में मदद कर सकता है।
इस उपकरण में पिछले 28 वर्षों से विश्वभर के 70 लाख से अधिक स्त्रियों के गर्भाशय सम्बंधित आकड़ें है. जिसमे यदि किसी संभावित कैंसर की रोगी महिला की गर्भाशय के परिक्षण के आकड़ें डाले जाय तो कुछ ही सेकंड में यह मशीन बता सकती है की इनमे कैंसर होने की संभावना है या नहीं. यहां यह उल्लेखनीय है कि केवल यही एक कैंसर है इसके बचाव के लिए वैक्सीनविकसित की गई जो की मानव प्रजाति में महिलाओं को गर्भाशय की ग्रीवा के कैंसर से पूरी तरह से बचाव कर सकता है