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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
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मौसमी बीमारियों की मॉनिटरिंग के लिए हम है तैयार : शुभ्रा सिंह

बीमारियों को सही समय पर पकड़ने से भविष्य में हो सकने वाली महामारीयो से बचाव हो सकेगा

ओडीके एप से होगी अब मौसमी बीमारियों की मॉनिटरिंग : शुभ्रा सिंह

बीमारियों को सही समय पर पकड़ने से भविष्य में हो सकने वाली महामारीयो से बचाव हो सकेगा

अभियान के तहत अब मौसमी बीमारियों की मॉनिटरिंग विभाग द्वारा ओडीके एप से की जाएगी। इस से प्रदेशभर में मौसमी बीमारियों की स्थिति की रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी और बचाव और रोकथाम के लिए त्वरित रूप से कारगर कदम उठाए जा सकेंगे।

शुभ्रा सिंह

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश में मच्छरजनित मौसमी बीमारियों की मॉनिटरिंग के लिए विभाग ने कमर कस ली है। इस हेतु एक नवाचार किया गया है, उन्होंने बताया कि मच्छरजनित बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया की तीव्रता प्रायः वर्षा ऋतु के प्रारम्भ जुलाई-अगस्त से लेकर अक्टूबर-नवम्बर तक रहती है। विगत वर्षों में लाइफ स्टाइल और मौसम परिवर्तन के चलते मौसमी बीमारियों का प्रसार बढ़ा। भारत सरकार ने इस वर्ष डेंगू रोग के अधिक प्रसार की आशंका व्यक्त की है। इसे देखते हुए विभाग सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित कर रहा है।

एप के माध्यम से मच्छर के प्रजनन स्थलों तथा लार्वा पाये जाने वाले स्थानों की फोटो लेकर स्वायत्त शासन विभाग या पंचायती राज विभाग को भेजा जाएगा। फोटो मिलने के बाद संबंधित विभाग उन स्थानों पर एंटी लार्वा एवं मच्छर रोधी गतिविधियां कर आमजन को बीमारियों से बचाएंगे।

फील्ड में भ्रमण के दौरान मच्छर के प्रजनन स्थानों की पहचान कर फोटो लेने का कार्य विभिन्न स्तर के अधिकारियों-कार्मिकों द्वारा किया जा सकेगा। इसमें एएनएम., आशा, सीएचओ, एमपीडब्ल्यू, डीबीसी वर्कर, ब्लॉक स्तर से बीपीएम, ब्लॉक सुपरवाइजर, बीसीएमओ, जिला स्तर से एन्टोमोलोजिस्ट, वीबीडी कन्सलटेन्ट, एपिडेमियोलोजिस्ट, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी, जोन और राज्य स्तरीय अधिकारी फोटो लेकर संबंधित विभाग को भेज सकेंगे।

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