3 वर्षीय बच्चे की हृदय से जुड़ी जन्मजात विकृति का सफल ऑपरेशन कर बचाई जान
कोरोनरी ट्रांस लोकेशन हार्ट सर्जरी से मिली नई जिंदगी
3 वर्षीय बच्चे की हृदय से जुड़ी जन्मजात विकृति का सफल ऑपरेशन कर बचाई जान
कोरोनरी ट्रांस लोकेशन हार्ट सर्जरी से मिली नई जिंदगी
जयपुर। एम जी एच हॉस्पिटल के चिकित्सकों को एनोमेलस लैफ्ट कोरोनरी आर्टरी फ्रॉम राइट पल्मोनरी आर्टरी ‘अलकार्पा’ नामक दुर्लभ बीमारी के उपचार में सफलता मिली है।
सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी अस्पताल में बच्चों की हार्ट सर्जरी टीम को ‘ उसे कोरोनरी ट्रांस लोकेशन नामक ऑपरेशन कर नई जिंदगी दी है। यहां के पेडियाट्रिक हार्ट सर्जन डॉ. सुनील कौशल ने बताया कि चौमूं निवासी तीन साल के पूर्वित को हृदय से जुड़ी जन्मजात विकृति अलकार्पा यानी ‘एनोमेलस लैफ्ट कोरोनरी आर्टरी फ्रॉम राइट पल्मोनरी आर्टरी’ नामक गंभीर बीमारी थी।
हार्ट सर्जन डॉ. सुनील कौशल ने बताया कि चौमूं निवासी तीन साल का पूर्वित पिछले दो साल से लगातार निमोनिया जैसी समस्या से पीडित था। उसे बार बार अस्पताल में भर्ती रहना पडता था।
इतनी छोटी उम्र मे भी वह रोजाना सोलह गोलियां लेने को मजबूर था। ऑक्सीजनयुक्त ब्लड को ह्रदय में पहुंचाने वाली कोरोनरी आर्टरी महाधमनी की बजाय पल्मोनरी आर्टरी में दाईं तरफ जुडी थी इससे वांछित शुद्ध रक्त तथा ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा था।
जिस कारण उसे बार बार दिल के दौरे पडते थे। ह्रदय की कार्यक्षमता मात्र पन्द्रह प्रतिशत तक रह गई थी। ईको जांच से उसकी इस बीमारी को पकड़ा।
चुनौती पूर्ण ऑपरेशन में पूरी सावधानी रखते हुए ‘कोरोनरी ट्रांस लोकेशन ऑपरेशन’ किया, जो आठ घण्टे चला। इसके बाद कई दिनों तक उसे गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया। बच्चा अब स्वस्थ है। इस ऑपरेशन में बच्चों के हृदय रोग विषेषज्ञ डॉ. संजय खत्री, डॉ. कनुप्रिया चतुर्वेदी तथा कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. गौरव गोयल की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इस प्रक्रिया में, डॉक्टर शरीर के किसी अन्य भाग से धमनी या शिरा लेकर महाधमनी (वह प्रमुख धमनी जो रक्त को हृदय से शरीर के शेष भाग में ले जाती है) को करोनरी धमनी के अवरुद्ध भाग के बाद के क्षेत्र से जोड़ते हैं। इस तरह से रक्त के प्रवाह को नए रास्ते से ले जाया जाता है, और संकरे या अवरुद्ध क्षेत्र को बायपास किया जाता है।
संपर्क सूत्र डॉक्टर सुनील कौशल मो 90012 99013