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कील मुंहासे एवं पसीने की ग्रंथियां के विकारों पर विस्तृत चर्चा हुई

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कील मुंहासे एवं पसीने की ग्रंथियां के विकारों पर विस्तृत चर्चा हुई

स्किन रोग में एकने स्कार और गड्डो से बचने के लिए जितना जल्दी हो उपचार लेना चाहिए

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अखिल भारतीय त्वचा रति रोग महासंघ की राजस्थान शाखा ने यहां जयपुर में आज एक राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला जिसमें कील मुंहासे एवं पसीने की ग्रंथियां के विकारों पर विस्तृत चर्चा हुई।

राजस्थान शाखा के अध्यक्ष अलवर के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मुकेश सैनी ने बताया कि इस कार्यशाला में 200 से अधिक त्वचा एवं त्वचा और रति रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के उद्घाटन में मुख्य अतिथि राजस्थान अस्पताल के वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दिनेश माथुर ने बताया पिछले कुछ वर्षों में कील मुंहासे के निदान एवं उपचार में काफी शोध कार्य हुए हैं, तथा उन्होंने लो लाइट लेजर के द्वारा उनके उपचार के बारे में विचार साझा किये।

किशोर एवं किशोरियों को जितना जल्दी हो सके त्वचा रोग विशेषज्ञों से मिलकर के इनका उपचार करना चाहिए नहीं तो इनमें एकने स्कार एवं खड्डे आदि हो जाते हैं।

संगठन के सचिव डॉ रविंद्र धाबाई ने बताया कि कार्यशाला में तेरह आमंत्रित व्याख्यान तथा पैनल डिस्कशन एवं स्नातकोत्तर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यशाला मे सवाई मानसिंह अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ एवं विभाग अध्यक्ष डॉक्टर दीपक माथुर ने कील मुंहासे के कारणों पर प्रकाश डाला।

जोधपुर मेडिकल कॉलेज के आनंद लांमोरिया ने खानपान और मुंहासे के ऊपर महत्व की चर्चा की।

उज्जैन के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शशांक भार्गव ने रोजएशिया के बारे में बताया।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सुरेंद्र थालोर ने बच्चों में होने वाले एक्ने के विकारों पर चर्चा की।

पैनल डिस्कशन के अंदर डॉक्टर यू एस अगरवाल, डॉक्टर ललित गुप्ता मैंगलोर, मैंगलोर की डॉक्टर रोशएल, डॉक्टर वेंकटेश पुरोहित, ने मुंहासे में काम में आने वाले मुख्य दवा आइसोट्रैटिन के फायदे नुकसान के बारे में बताया।

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर अतुल विजय ने दवाओं से उत्पन्न होने वाले कील मुंहासे के बारे में रोचक जानकारी दी।

अहमदाबाद की डॉक्टर सुजाता मेहता ने कील मुंहासे के उपचार के बारे में सारी जानकारी दी।

उदयपुर मेडिकल कॉलेज के विभाग अध्यक्ष डॉ ललित गुप्ता ने कील मुंहासे के बारे में समस्त नए उपचारों की जानकारी दी।

एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर पुनीत अग्रवाल ने विभिन्न प्रकार के डोज की जानकारी दी।

अलवर के डॉक्टर राहुल गुप्ता कील मुंहासे से मिलते-जुलती बीमारियों के बारे में।

जयपुर के डॉक्टर संजय कनोडिया इनके द्वारा उत्पन्न हुए निशानों के बगैर ऑपरेशन के ठीक किए जाने की जानकारी दी।

जयपुर के डॉक्टर पुनीत गोयल ने इसी संदर्भ में ऑपरेशन के द्वारा ठीक किए जाने पर चर्चा की। डॉक्टर सरोज पुरोहित ने कार्यक्रम का संचालन किया डॉक्टर राम सिंह मीणा एवं डॉक्टर कैलाश महारानियां ने सभी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। डॉक्टर पुष्पा सिंह एवं डॉक्टर रोहिणी ने डॉक्टर शिवी निझावन के साथ में एवं डॉक्टर मनीष के साथ क्विज कार्यक्रम का आयोजन किया, डॉक्टर मनदीप कोहली डॉक्टर अतुल विजय डॉक्टर राजीव जैन डॉक्टर मंजीत चौधरी डॉक्टर सतपाल यादव लेफ्टिनेंट कर्नल पॉल लेफ्टिनेंट कर्नल अभय सिंह , डॉ अमित मल्होत्रा ने विभिन्न सेशन का सफल संचालन करवाया विभिन्न सेशनों का संचालन किया , डॉक्टर पूजा डॉक्टर मोहित एवं डॉक्टर नैंसी ने सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम के मॉडरेशन में कार्य किया।

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