फेफड़ों के कैंसर में उसके नियंत्रण के लिए क्या किया जाए
lung cancer । Dr Anil Gupta। bmchrc
फेफड़ों के कैंसर में उसके नियंत्रण के लिए क्या किया जाए इस बारे में भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ अनिल गुप्ता नाम बताया कि अब शोधकर्ताओं ने यह पता लगा लिया है कि फेफड़ों के कैंसर की कोशिकाएं सबसे पहले उस प्रोटीन को खत्म करती है जो उसे पड़ोसी कोशिकाओं से जोड़े रखती है।
जब कोशिकाओं के मरम्मत की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी आती है तो टी आई एम ए में को खत्म कर उस कोशिका को अलग कर दिया जाता है और बीमार कोशिकाओं की जगह स्वस्थ कोशिकाएं लेती रहती है। लेकिन फेफड़ों के कैंसर की स्थिति में यह प्रक्रिया अनियंत्रित हो जाती है जिसके परिणाम स्वरूप टी आई एम ए 1 भारी पैमाने पर नष्ट होती है इस तरह कैंसर कोशिकाओं का फैलाव होता है।
डॉ गुप्ता ने कहा कि रीसायकल की इस प्रक्रिया को नियंत्रित करके फेफड़ों के कैंसर को फैलने से रोका जा सकता है इस तरह की प्रारंभिक अवस्था का शोध रोग के इलाज के लिए बेहद उपयोगी है अब एक दिन अवश्य आएगा कि कैंसर का स्थाई समाधान मिल सकेगा और कैंसर कोशिकाओं के प्रसार पर पूरी तरह नियंत्रण कर लिया जाएगा।
डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि आपको यदि निम्न लक्षण आपके शरीर में दिखाई दें तो तुरंत प्रभाव से कैंसर रोग विशेषज्ञ को अवश्य दिखाएं :
जैसे खांसी का लगातार होना और खांसी लंबे समय तक चल रही हो। खांसी में खून का आना या भूरे रंग के थूक आना। सांस लेने में कठिनाई होना सांस लेते वक्त घबराहट हो और एक अलग आवाज आए। हर समय थकान और कमजोरी महसूस होना। शरीर में बार-बार इन्फेक्शन होना। हड्डी में दर्द रहना। चेहरा हाथ और गर्दन में सूजन होना। सिर दर्द चक्कर आना किसी अंग का कमजोर हो जाना। सुन्न हो जाना पीलिया आदि। साथ ही भूख में बदलाव और वजन घटना का भी कैंसर के निदान की ओर इशारा करता है।
संपर्क सूत्र : डॉ अनिल गुप्ता मो 9829052417