विद्याधर नगर विधानसभा की चुनावी तस्वीर
स्थानीय जनसेवक सीताराम अग्रवाल को यक़ीन है होगी विजय। बोलो जय श्री राम।
पैरासूट उम्मीदवारों को जनता नकारेगी
विद्याधर नगर विधानसभा की चुनावी तस्वीर विद्याधर नगर के जनसेवक कांग्रेस के उम्मीदवार सीताराम अग्रवाल का कहना हैँ कि
मेरा एकमात्र एजेंडा यह है कि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए काम करना चाहता हूं। संक्षेप में, पिछले 15 वर्षों में क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य शुरू नहीं किया गया है। मैं उन सभी के लिए काम करूंगा।
मेरी दो प्राथमिकताएं कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार और हर वार्ड में निर्बाध जलापूर्ति होगी, और बेहतरीन सड़को का निर्माण।
यहां चोरी की घटनाएँ बहुत आम हैं। मैं कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए काम करूंगा।
मैं जनता से जो केवल वादे नहीं कर रहा हूं, उन्हें पूरा करना मेरा कर्तव्य है।
मैं क्षेत्र के विकास के लिए लगातार काम कर रहा हूँ इसलिए पार्टी ने मुझे टिकट दिया हैं। क्षेत्रवासी बाहरी उम्मीदवार को जीताकर देख चुके है पूर्व विधायक द्वारा किया गया कोई एक कार्य बताएं जिसकी जनता ने सराहना की हो।
एक बार वह पूर्व राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के कारण जीते थे और दूसरी बार वह मोदी लहर के तहत जीते थे। कई कॉलोनियों की दीवारों पर लिखा था ‘विधायक वापस जाओ’. प्रचार के दौरान लोगों ने उन्हें कई कॉलोनियों में घुसने नहीं दिया। इससे लोगों का उनके प्रति गुस्सा जाहिर होता है। इस बार भी महारानी को लांच किया है जनता 15 साल से पैराशूट नेताओ को देख चुकी है अब जनता किसी के बहकावे में नहीं आने वाली। केवल जनसेवक को ही वोट देगी।
न जात पर न पात पर मुहर लगेगी हाथ पर
आपके हाथ के साथ से होगा क्षेत्र का विकास
अग्रवाल का कहना है कि आज के समय में जो नेता जनता के विकास के लिए काम नहीं करेगा वह टिक नहीं पाएगा।
चाहे मैं हूँ या कोई भी हो। लोगों को मुझ पर भरोसा है क्योंकि मैं एक विधायक के रूप में नहीं बल्कि उनके सेवक के रूप में उनकी सेवा करूंगा।
जातिगत समीकरण
विद्याधर नगर विधान सभा सीट पर जातिगत समीकरण कुछ ऐसा है जिससे यहां पर बीजेपी की पकड़ बनी हुई हैं।
इस सीट पर सबसे अधिक 75 से 80 हजार राजपूत,
दूसरे नंबर पर 65 से 70 हजार ब्राह्मण,
45 से 50 हजार वैश्य समाज,
25 से 30 हजार एससी-एसटी,
22 से 25 हजार माली समाज,
20 से 22 हजार मुस्लिम समाज के मतदाता हैं।
इस सीट पर 18 हजार कुमावत,
12 से 15 हजार जाट,
13 हजार खाती और अन्य मतदाता है।
इस जातीय समीकरण में भाजपा के प्रत्याशी नरपत सिंह राजवी को जीत मिलती रही हैं। दरअसल, नरपत सिंह राजवी पूर्व मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत के दामाद हैं। इस फैक्टर ने भी इनके लिए बड़ा काम किया था।
अब जनता केवल एक ही फैक्टर चुनेगी जनसेवक को चुनेगी।
क्या है आंकड़ों की कहानी ?
इस विधान सभा सीट पर कुल मतदाता 3,18,483 हैं। जिनमें से 1,68,158 पुरुष और 1,50,325 महिला वोटर्स हैं। 2018 के चुनाव में इस सीट पर कुल 69.81 मतदान हुआ था और 2013 में 70.15% मतदान हो पाया था। वहीँ 2008 में 57.2 प्रतिशत मतदान हुआ था। हर बार मतदान का प्रतिशत बढ़ा।
कौन कब विधायक और क्या रही स्थिति ?
विद्याधर नगर विधान सभा सीट पर वर्ष 2018 में नरपत सिंह राजवी को कुल 95599 वोट मिले और कांग्रेस के सीता राम अग्रवाल को 64367 मत मिले।
तीसरे नम्बर पर कांग्रेस पूर्व प्रत्याशी रहे और निर्दलीय विक्रम सिंह शेखावत को 50382 मत मिले थे।
वर्ष 2013 में नरपत सिंह राजवी को कुल 1,07,068 वोट मिले और कांग्रेस के विक्रम सिंह शेखावत को 69,155 वोट मिले।
वही वर्ष 2008 में भाजपा के नरपत सिंह राजवी को 64,263 वोट मिले तो विक्रम सिंह शेखावत को 55,223 मत मिले थे। यह चुनाव बेहद कांटे का था।