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निकलो खेत खलिहानों से जंग लड़ो बेईमानों से
निकलो खेत खलिहानों से जंग लड़ो बेईमानों से
जो लोग भ्रष्टाचार कर रहे हैं और भ्रष्टाचार करने के आदी हैं उनकी अंतरात्मा को जगाने के लिए यह नारा ही काफी है। इस नारे की भावनात्मक आत्मा भ्रष्टाचारी की अंतरात्मा को झकझोर कर रख देगी।
एक बार इस नारे को चार बार बोल कर देखो कैसे परिवर्तन आ जाएगा।
किसी भी नई सर्जनात्मकता रचनात्मकता के लिए परिवर्तन बेहद आवश्यक है।
एक वोट परिवर्तन के लिए
आपका लव इंद्रजीत सिंह अरोड़ा
mo +919166603011