प्राइवेट फाइनेंसर आर बी आई सीमा से अधिक ब्याज नहीं वसूल सकते
प्राइवेट फाइनेंसर आर बी आई सीमा से अधिक ब्याज नहीं वसूल सकते
राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने केस में एक अहम फैसले में कहा है कि कोई भी प्राइवेट फाइनेंसर या फाइनेंस कंपनी रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा तय सीमा से अधिक दर पर ग्राहकों से ब्याज की वसूली नहीं कर सकते।
उपभोक्ता आयोग के पीठासीन अधिकारी रामसूरत राम मौर्या की पीठ ने यह अहम फैसला केरल के पलक्कड़ जिले में एक प्राइवेट फाइनेंस कंपनी द्वारा अपने ग्राहक से 30 फीसदी ब्याज वसूलने संबंधी शर्त तय करने के मामले में सुनाया है। आयोग ने फाइनेंस कंपनी को निर्देश दिया कि वह अपने लोन में ब्याज की सीमा आरबीआई गाइडलाइंस के अनुसार तय करे।
उपभोक्ता आयोग ने यह भी कहा कि साथ ही किस्त जमा न कराने पर ग्राहक पर लगाया गया अतिरिक्त जुर्माना माफ करे। प्रकरण के अनुसार उबैद ने कॉमर्शियल व्हीकल के लिए 23 फीसदी ब्याज पर लोन लिया था। गाड़ी में खराबी आने पर उसने किस्त भरना बंद कर दिया था। किश्त नहीं चुकाने पर फाइनेंस कंपनी ने 30 फीसदी की दर से ब्याज चुकाने को कहा था।
उपभोक्ता आयोग का कहना है कि कोई भी फाइनेंस कंपनी आरबीआई के नियमों के अंतर्गत ही काम करनी चाहिए।