डिफेक्टिव जूते बेचने पर विक्रेता पर 15 हजार हर्जाना, मामला मोची, मेट्रो ब्रांड लि. का
डिफेक्टिव जूते बेचने पर विक्रेता पर 15 हजार हर्जाना
मामला मोची, मेट्रो ब्रांड लि. का
राजस्थान के जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर- द्वितीय ने एक ग्राहक को डिफेक्टिव जूते बेचने को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस करार देते हुए झोटवाड़ा विक्रेता मोची, मेट्रो ब्रांड लि. पर 15 हजार रुपए हर्जाना लगाया है। वहीं विक्रेता को निर्देश दिये हैं कि या तो वह उपभोक्ता को नए जूते देवे या जूते की कीमत 2145 रुपए लौटाए जाए। साथ ही इस राशि पर परिवाद दायर करने की तारीख से अदायगी तक 9 फीसदी ब्याज भी दिया जाए। आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह निर्देश एडवोकेट रामप्रकाश कुमावत के परिवाद पर दिया।
वाकिया यूं था कि 15 अगस्त, 2020 को परिवादी ने विपक्षी से एक जोड़ी लैदर के जूते खरीदे थे, लेकिन उनमें मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट था, जिससे दो-तीन सप्ताह बाद ही जूते का ऊपर के कवर पर जगह- जगह काले स्पॉट हो गए व सलवटें पड़ गई। विक्रेता ने ग्राहक की शिकायत के बाद भी कोई समाधान नहीं किया। जिसे ग्राहक ने उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी।
विक्रेता के तेवर यूं थे ,
जवाब में विपक्षी का कहना था डिस्काउंट के बाद कम्पनी पॉलिसी व बिल में अंकित शर्त के अनुसार रिप्लेसमेंट गारंटी वारंटी और रिटर्न की कोई सुविधा नहीं होती।
लेकिन आयोग ने विक्रेता को कहा कि ग्राहक को दिए गए जूते उच्च गुणवत्ता के होने चाहिए निम्न गुणवत्ता का माल इस तरीके से नहीं बेचा जा सकता इसलिए विक्रेता पर 15 हजार हर्जाना लगाया।