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चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
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बिना सर्जरी के मालूम चल सकेगा फेफड़ों में कितना भरा पानी

नई रडार तकनीक से

बिना सर्जरी के मालूम चल सकेगा फेफड़ों में कितना भरा पानी
गत दिनों जयपुर में राजस्थान कार्डियोलॉजी फाउंडेशन की कार्डियोलॉजी समिट आयोजित हुई। इस सेमिनार में विशेषज्ञों ने कहा कि अब बिना इंटरवेंशन प्रोसीजर या सर्जरी के पता चल सकता है कि हार्ट फेलियर के कारण फेफड़ों में बार-बार भरने वाले पानी की मात्रा कितनी है। सेमिनार के आयोजक डॉ. संजीव रॉय ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में देशभर से 400 से अधिक एक्सपर्ट्स ने हिस्सा लिया। डॉ. पुष्पेंद्र गर्ग ने बताया कि नई रडार तकनीक से सिर्फ 45 सैकंड में मशीन फेफड़ों में पानी की मात्रा बता देती है। इस तकनीक से मरीज के दोबारा हॉस्पिटल में भर्ती होकर इलाज लेने की संभावना 70% तक कम हो जाती है। डॉ. सीबी मीणा ने बताया कि इंपेला पंप मरीज के हार्ट को सपोर्ट करता है। इससे उन मरीजों की एंजियोप्लास्टी भी हो सकती है, जिनका हार्ट पूरी तरह पंपिंग नहीं कर रहा।
संपर्क सूत्र : डॉ पुष्पेंद्र गर्ग मो 988-746-6966

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