सैनिक स्कूल झांसी में पढ़ने वाले बच्चों ने छात्रवृत्ति के लिए लगाई गुहार
भोपाल। सैनिक स्कूल में पढ़ने वाले मध्यप्रदेश के विशेष वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, ताकि वे स्कूल की फीस भर सकें, लेकिन सैनिक स्कूल झांसी में पढ़ने वाले प्रदेश के बच्चे भटक रहे हैं।उनकी फीस जमा नहीं होने के कारण स्कूल ने उन्हें पढ़ाने से इंकार कर दिया है।ये बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रवेश परीक्षा में शामिल होकर मेरिट में शामिल होकर पढ़ाई कर रहे थे।अब तीन जुलाई से स्कूल खुला है और बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।छात्रवृत्ति की मांग को लेकर शनिवार को राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को ज्ञापन दिया।हालांकि अभिभावकों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान और मप्र स्कूल शिक्षा विभाग को भी ज्ञापन दिया है।मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि प्रदेश में संचालित सैनिक स्कूल के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान कर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, लेकिन दूसरे राज्य के सैनिक स्कूल में प्रदेश के पढ़ने वाले बच्चाें को भी छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाए।
प्रदेश की पहली छात्रा भी परेशान
शहडोल की रहने वाली आशिका वर्मा ने तीन साल पहले प्रवेश परीक्षा के तहत परीक्षा दी थी।वे प्रदेश की पहली छात्रा थी, जिन्हाेंने मेरिट में जगह बनाई थी।वे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की श्रेणी में आती हैं, लेकिन छात्रवृत्ति नहीं मिलने के कारण फीस जमा नहीं हो पाई है। अब उन्हें स्कूल में जाने नहीं दिया जा रहा है।वहीं छात्र विजय डामर आदिवासी जनजाति से आते हैं।वे अपने गांव के पहले छात्र हैं जिनका सैनिक स्कूल में हुआ है।सार्थक पाटीदार ने बताया कि ग्रीष्मावकाश के बाद से उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
डीपीआई आयुक्त ने सैनिक स्कूल झांसी को लिखा पत्र
इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ने सैनिक स्कूल झांसी को पत्र लिखकर छात्रवृत्ति प्रदान करने के संबंध में जानकारी मांगी है।उन्होंने पत्र में लिखा है कि विभाग ने भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय, सैनिक स्कूल सोसायटी से राज्य सरकार के सहयोग से संचालित सैनिक स्कूलों में अन्य राज्यों के मूल निवासी विद्यार्थियों को संबंधित राज्यों द्वारा छात्रवृत्ति एवं अन्य भत्ते प्रदान किए जाने के संबंध में मार्गदर्शन, दिशा-निर्देश एवं प्रविधानों की जानकारी मांगी गई है।जानकारी प्राप्त होने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।