झाड़ू से जुड़ी ये तीन गलतियां कर देती हैं कंगाल ध्यान रखें ये खास नियम

घर में साफ-सफाई के लिए आमतौर पर झाड़ू का इस्तेमाल किया जाता है। झाड़ू से जुड़े कई नियम हैं, जिनका व्यक्ति को अनिवार्य रूप से पालन करना चाहिए। वास्तु शास्त्र में झाड़ू से जुड़ी कुछ खास बातें बताई गई हैं। इनमें झाड़ू लगाने के समय से लेकर झाड़ू रखने के स्थान और तरीकों के बारे में विस्तार से बताया गया है। कहा जाता है कि इन नियमों का अगर पालन नहीं किया जाए तो झाड़ू का अनादर होता है। साथ ही मां लक्ष्मी का भी अपमान होता है। झाड़ू से जुड़ी गलतियां हमारी जिंदगी पर नकारात्मक असर डालती हैं। साथ ही हमारी आर्थिक स्थिति पर भी इसका प्रभाव होता है।
इस समय न लगाएं झाड़ू
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर कोई व्यक्ति घर से बाहर जा रहा हो तो उस समय भूलकर भी झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करना वास्तु के अनुसार गलत माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी का अपमान होता है। साथ ही घर से बाहर निकल रहे व्यक्ति पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
भोजन करते वक्त
वास्तु के अनुसार अगर कोई भोजन बना रहा हो या खा रहा हो तो भी झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने से धूल के कण भोजन में गिर सकते हैं। इससे मां अन्नपूर्णा का अपमान होता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति नहाकर निकला है तो भी उस समय झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने से आपको जीवन में संकटों का सामना करना पड़ सकता है।
इस जगह पर न रखें कूड़ा
धार्मिक विद्वानों के अनुसार झाड़ू लगाने के बाद निकले कूड़े को घर के दरवाजे के पास नहीं रखना चाहिए। न ही डस्टबिन रखना चाहिए। माना जाता है कि मुख्य द्वार के जरिए के मां लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं। ऐसे में यदि मुख्य द्वार पर ही कूड़े का ढेर लगा दिया जाए तो देवी-देवता नाराज हो जाते हैं। जिससे परिवार को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’