अबूझ मुहूर्त: रवि योग में 27 को मनाई जाएगी भड़ली नवमी
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ग्वालियर। भड़ली नवमी 27 जून को मनाई जाएगी। नवमी को ही गुप्त नवरात्र का समापन होगा। भड़ली नवमी को एक ऐसा अबूझ मुहूर्त होता है, जिसमें बिना शुभ-अशुभ का विचार किए बगैर कोई भी मांगलिक कार्य किया जा सकता है। इस दिन अबूझ विवाह भी किए जाते हैं। नवमी को देवी साधक हवन-पूजन के साथ मनवांछित फल के लिए किए गए अनुष्ठान को पूर्ण करते हैं। इसके दो दिन बाद देवशयानी एकादशी के साथ चातुर्मास शुरू हो जाते हैं और चार माह तक मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
27 को दोपहर 2:04 मिनट पर शुरू होगी
पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 27 जून को प्रात: 02 बजकर 04 मिनट पर होगी और अगले दिन 28 जून को सुबह 03 बजकर 05 मिनट पर इसका समापन होगा। 27 जून को ही गुप्त नवरात्रि का अंतिम दिन होगा। साधक अपने व्रत का परायाण कन्या भोज व हवन पूजन के साथ करेंगे।
अंतिम सहालग के दिन बजीं शहनाईं
शुक्रवार को सनातन धर्मवलंबियों के लिए विवाह मुहूर्त का अंतिम सहालग था। शुक्रवार को नगर में कई विवाह समारोह थे। इसके बाद अबूझ मुहूर्त में भड़ली नवमी को मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। इस दिन भी विवाह होंगे। किंतु नगर में गिनती के विवाह समारोह होंगे। अंतिम सहालग में नगर के प्रमुख गार्डनों में शहनाई बजीं व रौनक नजर आई। आज के बाद चार माह के लिए गार्डन वीरान हो जाएंगे।
देवशयनी एकादशी से लग जाएंगे चातुर्मास
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि यह एक ऐसा अबूझ मुहूर्त है जिसमें बिना विचार किए कोई भी मांगलिक कार्य किया जा सकता है। इस दिन रवि योग भी रहेगा। भड़ली नवमी के बाद 29 जून से देवशयनी एकादशी से शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी। देवशयनी एकादशी से चतुर्मास लग जाते हैं। इन चार माह में देवों का शयनकाल रहता है इसलिए चतुर्मास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। भगवान विष्णु सोने से पहले भड़ली नवमी का दिन भक्तों को देते हैं ताकि वह अपने बचे हुए शुभ कार्य इस दिन कर लें। इस दिन पूजा पाठ करने से भगवान सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। भड़ली नवमी से जुड़ा एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि हिंदू समुदाय में विवाह करने के लिए आमतौर पर इस दिन को साल का आखिरी मांगलिक दिन माना जाता है। धर्म शास्त्र के अनुसार विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई, जनेऊ संस्कार आदि शुभ काम के लिए भड़ली नवमी का दिन विशेष माना गया है। भड़ली नवमी को अबूझ मुहूर्त माना गया है।