विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
धार्मिक

आज से गुप्त नवरात्र प्रारंभ आदिशक्ति की होगी विशेष पूजन

बिलासपुर। गुप्त नवरात्र सोमवार से प्रारंभ होगा। घटस्थापना व मां शैलपुत्री स्वरूप की पूजा के साथ देवी मंदिरों में विशेष अनुष्ठान होंगे। मां महामाया मंदिर रतनपुर व श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा स्थित बगलामुखी देवी मंदिर में साधना की जाएगी। देवी के नौ रूपों की विशेष आराधना की जाती है।

आषाढ़ महीने के गुप्त नवरात्र 19 जून से शुरू होकर 27 जून नवमी तक रहेगा। नौ दिनों के दौरान आदिशक्ति की पूजा-अर्चना के साथ जगन्नाथ रथयात्रा और विनायकी चतुर्थी पर्व भी मनाए जाएंगे। नवरात्र का समापन भड़ली नवमी पर होगा। यह दिन अबूझ मुहूर्त वाला है।

विशेष धार्मिक अनुष्ठान के लिए शुभ योग रहेंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित वासुदेव शर्मा के मुतािबक हर वर्ष चार नवरात्र आते हैं। इनमें दो प्रकट और दो गुप्त नवरात्र होते हैं। माघ और आषाढ़ मास के नवरात्रों को गुप्त नवरात्र कहा जाता है।

वहीं चैत्र माह के नवरात्र को चैत्र नवरात्र व अश्विन माह के नवरात्र को शारदीय नवरात्र कहा जाता है। आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्र हैं। सुभाष चौक सरकंडा स्थित श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी मंदिर में देवी का विशेष पूजन शृंगार देवाधिदेव महादेव का रुद्राभिषेक, श्रीमहाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, राजराजेश्वरी, त्रिपुरसुंदरी देवी का श्री सूक्त षोडश मंत्र द्वारा दूधधारिया पूर्वक अभिषेक किया जाएगा। जिस प्रकार नवरात्र में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है।

साधक करते हैं

कड़े नियमों का पालनगुप्त नवरात्र के दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं। गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या(तंत्र साधना) के लिए मां काली, तारा, षोडशी, त्रिपुरभैरवी, भुवनेश्वरी, छिन्न्मस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।

Related Articles

Back to top button