विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांस
धार्मिक

घर में सुख-समृद्धि और धन लाता है लाफिंग बुद्धा जानिए इसे रखने की सही दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में रखी चीजों का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए बेहद जरूरी है कि हर चीज उचित दिशा में रखी जाए। लाफिंग बुद्धा को घर में रखने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इससे घर में प्रसन्नता का माहौल रहता है। आइए ज्योतिषाचार्य प्रभु दयाल दीक्षित से जाने लाफिंग बुद्धा रखने के फायदे और कुछ जरूरी बातें।

कौन है लाफिंग बुद्धा?

मान्यता के अनुसार, जापान के रहने वाले होताई ने बौद्ध धर्म अपना लिया था। उन्होंने काफी तपस्या की थी। जिससे उन्हें आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई। ज्ञान प्राप्ति के बाद होताई जोर-जोर से हंसने लगा। उन्होंने लोगों को हंसाना ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया था। उन्होंने कई देशों की यात्रा की। जहां भी गए लोगों को हंसाया। तब से उनका नाम लाफिंग बुद्धा पड़ गया। जिसका मतलब हंसते हुए भगवान बुद्ध है।

लाफिंग बुद्धा की मूर्ति का महत्व

लाफिंग बुद्धा को खुशियों का प्रतीक माना गया है। लाफिंग बुद्धा को घर में रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही नकारात्मक प्रभाव समाप्त होता है। परिवार में सभी सुखी जीवन व्यतीत करते हैं।

लाफिंग बुद्धा रखने की सही दिशा?

लाफिंग बुद्धा को किसी भी जगह नहीं रखना चाहिए। सही दिशा में रखने से ही लाभ मिलता है। लाफिंग बुद्धा घर के मुख्य द्वार के सामने होना चाहिए। पूर्व दिशा में लाफिंग बुद्धा रखना शुभ माना जाता है। लाफिंग बुद्धा की मूर्ति को बच्चों के स्टडी रूम में रखने से उनका मन पढ़ाई में लगता है।

लाफिंग बुद्धा घर में कहां होना चाहिए?

ज्योतिषाचार्य प्रभु दयाल दीक्षित के अनुसार, लाफिंग बुद्धा की मूर्ति को घर के मुख्य द्वार के सामने रखना चाहिए। उसकी ऊंचाई करीब 30 इंच होनी चाहिए। लाफिंग बुद्धा को रसोईघर, डाइनिंग एरिया, बेडरूम और बाथरूम में नहीं रखना चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Related Articles

Back to top button