गुरुवार को भगवान विष्णु को ऐसे करें प्रसन्न इन उपायों से दूर होगी समस्याएं
हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी ना किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। जिस प्रकार सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा का विधान है उसी प्रकार गुरुवार यानी बृहस्पतिवार के दिन देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की पूजा का विधान माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार गुरुवार के दिन व्रत रखने व सच्चे मन से पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां खत्म हो जाती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। क्योंकि गुरु ग्रह को सुख सौभाग्य, यश वैभव व कार्य संपन्नता का कारक माना जाता है।
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, गुरुवार के दिन व्रत, पूजा-पाठ के साथ अगर कुछ विशेष उपाय किये जाएं तो जातक को नौकरी में आ रही परेशानी, बिजनेस में घाटा, आर्थिक परेशानी आदि जैसी कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है। तो आइए जानते हैं क्या करें इस दिन उपाय-
गुरुवार के दिन अपनाएं ये उपाय
1. अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है या फिर आप गुरु दोषों से पिड़ित हैं तो गुरुवार के दिन नहाने से पहले पानी से भरी बाल्टि में चुटकीभर हल्दी डालकर नहाएं। इसके बाद ‘’ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’’ कहते हुए स्नान करें। जल्द ही लाभ मिलने लगेगा।
2. आप व्यापारी हैं और आपको लंबे समय से बिजनेस में लाभ नहीं मिल रहा और घाटा हो रहा है तो ऐसे में आपको गुरुवार के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर मंदिर जाकर हल्दी की माला लगा दें। इसके साथ ही इस दिन माथे पर हल्दी का तिलक करना भी बहुत शुभ होता है। इस उपाय को लगातार करने से लाभ जरुर मिलता है।
3. गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की एक साथ पूजा-अर्चना करें। पूजा में केला, चना दाल और गुड़ का भोग जरूर लगाएं और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इस उपाय को करने से घर पर बरकत आती है और मां लक्ष्मी की कृपा से घर धन-धान्य से भर जाता है।
4. जॉब में प्रमोशन या वेतनवृद्धि नहीं हो रही और कड़ी मेहनत के बाद भी फल नहीं मिलता तो गुरुवार के दिन एक पीले रंग का वस्त्र लेकर इसमें पीले फूल, नारियल, पीले फल, हल्दी और खड़ा नमक रखकर बांध दें। इन चीजों को मंदिर की सीढ़ियों में रखकर आ जाएं। इसके साथ ही इस दिन पीले रंग का इस्तेमाल ज्यादा करें। भगवान विष्णु की पूजा में भी पीले पीले फल-फूल चढ़ाएं।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’