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इन 5 राशि के जातकों नहीं धारण करना चाहिए माणिक्य हो सकता है नुकसान

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति का जीवन ग्रहों से प्रभावित होता है। ग्रह जातक के जीवन में शुभ और अशुभ दोनों प्रकार का प्रभाव छोड़ते हैं। ग्रहों के प्रभाव को कम व नियंत्रित करने के लिए रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। प्रत्येक ग्रह का संबंध किसी एक रत्न या उपरत्न से होता है। रत्नों को धारण करने से ग्रहों का अनुकूल प्रभाव पड़ता है। लेकिन ज्योतिष सलाह के बिना किसी भी रत्न को धारण नहीं करना चाहिए। ऐसा ही एक रत्न माणिक्य है। आइये जानते हैं यह रत्न किन पांच राशि के जातकों को धारण नहीं करना चाहिए।

ऐसा होता है माणिक्य

संस्कृत में माणिक को पद्मराग, रविरत्न कहा गया है। हिंदी में माणिक, चुन्नी और अंग्रेजी में रूबी स्टोन कहा जाता जाता है। सबसे अच्छा माणिक्य उड़ीसा का माना जाता है। लेकिन अब वह कम ही मिलता है। वहीं बाजार में अभी सबसे ज्यादा बैंकॉक माणिक्य मिलता है।

इन राशि वालों को नहीं पहनना चाहिए माणिक्य

वैदिक ज्योतिष के अनुसार ऐसे जातक जिनकी लग्न राशि कन्या, मकर, तुला, मिथुन या कुंभ होती है, उन्हें माणिक्य रत्न धारण नहीं करना चाहिए। वहीं जिन लोगों की कुंडली में सूर्य देव अशुभ यानि नीच की स्थिति में विराजमान हो तो भी माणिक्य नहीं पहनना चाहिए। जो लोग शनि से जुड़ा कारोबार करते हैं उन्हें भी माणिक्य धारण करने से बचना चाहिए। माणिक्य रत्न के साथ गोमेद और नीलम रत्न को नहीं पहनना चाहिए। वरना नुकसान हो सकता है। वहीं अगर कुंडली में सूर्य देव के साथ केतु, राहु स्थित हों तो भी माणिक्य धारण करने से बचना चाहिए।

माणिक्य पहनने से हो सकते हैं ये नुकसान

माणिक्य धारण करने से नौकरी में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।बिना कुंडली का विश्लेषण किए माणिक्य धारण करने से हृदय रोग और आंख के रोग हो सकते हैं। जन्मकुंडली में सूर्य शनि ग्रह से पीड़ित हो और व्यक्ति माणिक्य धाऱण कर लें तो व्यक्ति को ब्लडप्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर बिना कुंडली का विश्लेषण करके माणिक्य धारण किया जाए, तो व्यक्ति के बॉस और पिता के साथ संबंध खराब हो सकते हैं।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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