विजयराघवगढ़ में कुछ ही देर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे श्रीहरिहर तीर्थ का भूमि पूजन 51 हजार कलशों की शोभायात्रा
कटनी। विजयराघवगढ़ के बंजारी स्थित रामराजा पहाड़ में हरिहर तीर्थ की स्थापना को लेकर कुछ ही देर में मुख्यमंत्री पहुंचेंगे और भूमि पूजन करेंगे। 51 हजार कलशों के साथ शोभायात्रा निकालकर महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। प्रमुख संतों का समागम और आध्यात्मिक परिचर्चा भी होगी। आध्यात्मिक परिचर्चा में चित्रकूट तीर्थ के दो दर्जन से अधिक विद्वान संत शामिल होंगे।
इन संतों का मिला सानिध्य
हरिहर तीर्थ के भूमिपूजन अवसर पर जगदगुरु रामभद्राचार्य, स्वामी अवधेशानंद गिरी, दीदी साध्वी ऋतंबरा, महामंडलेश्वर कैलाशनंद गिरी, जितेंद्रनंद सरस्वती, राजेश्वरानंद महाराज, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी का आतिथ्य भी प्राप्त हुआ। इस मौके पर सत्य सनातन संस्कृति धर्म सभा के रूप में 13 जून को संतों के बीच विमर्श शास्त्रार्थ होगा। जिसका संचालन वक्ता व फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा करेंगे।
कलेक्टर, एसपी ने किया स्थल का निरीक्षण
हरिहर तीर्थ के भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर रविवार को कलेक्टर अवि प्रसाद, पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन ने विधायक संजय पाठक के साथ स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यक्रम स्थल से भूमिपूजन स्थल तक और कलश शोभायात्रा मार्ग का भी निरीक्षण किया और सुरक्षा को लेकर आवश्यक व्यवस्थाएं देखीं। इस दौरान एएसपी मनोज केडिया, एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
महानदी और कटनी नदी के संगम का प्रयागराज जैसा महत्व
आध्यात्मिक सम्मेलन के संयोजक विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने बताया कि विजयराघवगढ़ के राजा पहाड़ में महानदी और कटनी नदी के संगम में प्रयागराज जैसे महत्व को प्रतिपादित करने हरिहर तीर्थ निर्माण का संकल्प माता, पिता, गुरुवर और क्षेत्र के आमजन के आशीर्वाद से लिया गया है। संतों की अनुमति से हरिहर तीर्थ क्षेत्र में 108 फिट की देश की सबसे बड़ी भगवान परशुराम की प्रतिमा की स्थापना के साथ अन्य मंदिरों का निर्माण भी कराया जाएगा।
रामजन्म भूमि मंदिर की बनेगी अनुकृति
तीर्थ स्थल में भगवान परशुराम की प्रतिमा के साथ रामजन्म भूमि की छोटी अनुकृति के साथ भगवान राम का मंदिर, भगवान शिव की आकर्षक प्रतिमा, भगवान कृष्ण की ग्वाल बाल के साथ प्रतिमा सहित भक्त माता शबरी, राजा निषादराज की प्रतिमाओं की स्थापना भी होगी। इसके अलावा नदी संगम पर पर्यटन की दृष्टि से भी विकास कार्य कराने की योजना शामिल है।