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हथेली में केमद्रुम योग हो तो भाग्य नहीं देता साथ जीवन में आते हैं कई संकट

 भारतीय ज्योतिष शास्त्र में केंद्रूम योग का विस्तार से उल्लेख मिलता है। यह एक ज्योतिषीय योग है जो इंसान की जन्म कुंडली में बनता है। केंद्रूम योग में चंद्रमा और शनि सहयोग करते हुए एक विशेष योग बनाते हैं। इस योग के बनने से व्यक्ति का जीवन बहुत सामान्य हो जाता है और उन्हें भाग्य का विशेष साथ नहीं मिलता है।

भारतीय हस्तरेखा ज्योतिष में भी केंद्रूम योग के बारे में बताया गया है कि इस योग के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के दोनों हाथों के अंगूठे के बीच एक गहरी लकीर हो तो उसे केंद्रूम योग का असर होता है। इस योग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में शुभ होता है और वह सफलता के शिखर पर पहुंचता है, लेकिन उसे यह सब कुछ कर्म से ही हासिल हो पाता है। भाग्य साथ नहीं देता है।

केंद्रूम योग हो तो शनिदेव की करें उपासना

इस योग के बनने से उपाय करने के लिए व्यक्ति को शनिवार को उपवास रखना चाहिए और शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा, व्यक्ति को केंद्रूम योग के उपाय के रूप में मंत्रों का जाप भी करना चाहिए।

ऐसे बनता है केमद्रुम योग

हस्तरेखा शास्त्र अनुसार यदि हथेली में शुक्र पर्वत और सूर्य पर्वत अच्छी तरह से विकसित न हो और साथ में सूर्य रेखा भी खंडित हो जाती है तो व्यक्ति की हथेली में केमद्रुम योग का निर्माण होता है। इस योग के कारण व्यक्ति हमेशा दुखी रहता है। भाग्य का साथ नहीं मिलता है। भौतिक सुखों की अधिक समय तक प्राप्ति नहीं होती है। जातक को शारीरिक और मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता है। व्यक्ति को अपने जीवन में कई बार करियर भी बदलना पड़ता है। केमद्रुम योग होने पर व्यक्ति पर झूठे इल्जाम लगते हैं।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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