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पुस्तक समीक्षा : ‘Dream to Win : From Passion to Attainment’

पुस्तक समीक्षा : ‘Dream to Win : From Passion to Attainment’

लेखक की प्रेरणा : मोहन छाबड़ा

‘Dream to Win: From Passion to Attainment’ केवल एक पुस्तक नहीं है, यह स्वर्गीय मोहन छाबड़ा जी का जीवन दर्शन, उनका दृष्टिकोण, और उनकी प्रेरणा का जीवंत दस्तावेज है। यह पुस्तक उनके सपनों का प्रतिरूप है, जिसे उन्होंने युवा पेशेवरों, नवोदित उद्यमियों और भावी नेताओं को समर्पित किया है।

मोहन छाबड़ा, जिन्हें स्नेहपूर्वक ‘मनु’ कहकर पुकारा जाता था, एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिनमें गहरी समझ, अथाह करुणा और दूसरों को प्रेरित करने की अद्वितीय क्षमता थी। वे जीवन में मिलने वाली कठिनाइयों को अवसर में बदलने की कला जानते थे। उनके जीवन का हर पहलू, चाहे वह व्यक्तिगत हो या व्यावसायिक, इस बात का प्रमाण है कि “सपने देखना ही पर्याप्त नहीं, उन्हें जज्बे और जुनून के साथ जीना ज़रूरी है।”

COVID लॉकडाउन के दौरान जब समूचा संसार ठहर-सा गया था, तब मोहन छाबड़ा ने इस ठहराव को आत्ममंथन और चिंतन का अवसर बनाया। एक सतत शिक्षार्थी और प्रखर पाठक होने के नाते, उन्होंने उन 23 प्रभावशाली व्यक्तित्वों के जीवन की गहराई से पड़ताल की, जिन्हें वे व्यक्तिगत रूप से जानते थे। इनमें डॉक्टर, उद्यमी, शिक्षक, राजनेता, प्रशासक, डिज़ाइनर, समाजसेवी और अन्य विविध क्षेत्रों के लीडर्स शामिल हैं।

प्रमुख व्यक्तित्व जिनका जिक्र इस पुस्तक में है:

डॉ. अजीत बाना, अनूप बरतिया, अरुण अभय ओसवाल, अशोक परनामी, आत्माराम गुप्ता, बहादुर सिंह राठौड़, धीरज कुमार श्रीवास्तव, धीरेंद्र मदान, जय श्री पेरीवाल, डॉ. जितेंद्र सिंह मक्कड़, के.सी. बंसल, मनोज शाह, मोहन गुरुनानी, एन.के. गुप्ता, नीरू सलूजा, पवन अरोड़ा, राजेंद्र कुमार सेतिया, राजीव अरोड़ा, साईं गिरधर, शरद मैथिली, सुरजा राम मील वासवानी ब्रदर्स, विजय आहुजा आदि।

इन सभी व्यक्तित्वों की यात्रा को मोहन जी ने न केवल तथ्यात्मक दृष्टि से प्रस्तुत किया है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी पाठकों के हृदय तक पहुँचाने में सफलता प्राप्त की है। यह पुस्तक पाठकों को बताती है कि सफलता केवल सुविधा और संयोग की देन नहीं, बल्कि अथक परिश्रम, कठिनाइयों से जूझने का साहस और स्पष्ट उद्देश्य का परिणाम होती है।

पुस्तक की विशेषता यह भी है कि इसमें मोहन छाबड़ा जी के साथियों, मित्रों और सहकर्मियों के विचारों को भी स्थान दिया गया है, जो उनके व्यक्तित्व के बहुआयामी पहलुओं को उजागर करते हैं।

उनके मित्र कहते हैं:

“मोहन जी हर व्यक्ति में संभावना देख लेते थे, और उसे अपने लक्ष्य तक पहुँचाने के लिए प्रोत्साहित करते थे।”

“उनकी सोच सीमाओं से परे थी, और उन्होंने सिखाया कि हर असफलता अनुभव का हिस्सा है।”

“उनकी गर्मजोशी भरी मुस्कान और सकारात्मक ऊर्जा हर कठिनाई को आसान बना देती थी।”

पुस्तक से संदेश मिलता है कि यह पुस्तक न केवल प्रेरणादायी है, बल्कि एक जीवनपथदर्शक के समान है। यह आपको आत्मनिरीक्षण के लिए प्रेरित करती है और यह भरोसा दिलाती है कि यदि आपके पास जुनून है, तो कोई भी बाधा आपको अपने लक्ष्य तक पहुँचने से नहीं रोक सकती।

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