जयपुर का गौरव और विश्व प्रसिद्ध जयपुर साहित्य महोत्सव, जिसे “दुनिया का सबसे बड़ा साहित्यिक शो” कहा जाता है, 2025 में अपने 18वें संस्करण के साथ लौट रहा है।
JLF Festival Jaipur
जयपुर का गौरव और विश्व प्रसिद्ध जयपुर साहित्य महोत्सव, जिसे “दुनिया का सबसे बड़ा साहित्यिक शो” कहा जाता है, 2025 में अपने 18वें संस्करण के साथ लौट रहा है।
यह प्रतिष्ठित आयोजन 30 जनवरी से 3 फरवरी तक होटल क्लार्क्स आमेर, जयपुर में आयोजित होगा। महोत्सव से पहले, दिल्ली के लीला पैलेस में एक विशेष Curtain Raiser आयोजित किया गया, जिसमें महोत्सव के विविध और गहन कार्यक्रम की झलक प्रस्तुत की गई।
इस वर्ष, महोत्सव के विषय लोकतंत्र, समानता, अपराध कथा, जीवनियाँ और संस्मरण, खाद्य परंपराएँ, थिएटर, सिनेमा, इतिहास और संस्कृति जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे। ये विषय न केवल हमारे समाज की विविधता को दर्शाते हैं, बल्कि साहित्य और कला के माध्यम से विभिन्न दृष्टिकोणों को सामने लाने का प्रयास करते हैं।
इस अद्वितीय महोत्सव में नोबेल पुरस्कार विजेताओं, बुकर पुरस्कार विजेताओं, पत्रकारों और लेखकों सहित 300 से अधिक प्रमुख हस्तियां भाग लेंगी। वक्ताओं में अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफ्लो, जावेद अख्तर, डेविड हेयर, मिरियम मार्गोलीज़, गीताांजलि श्री, इम्तियाज अली और अनिरुद्ध कनीसेट्टी जैसे प्रसिद्ध नाम शामिल हैं।
जयपुर साहित्य महोत्सव का एक प्रमुख आकर्षण इसकी समावेशिता है। नुपुर संस्थान के सहयोग से आयोजित संकेत भाषा व्याख्यान इसे और भी अधिक सुलभ बनाते हैं। साथ ही, महोत्सव के साथ आयोजित जयपुर बुकमार्क (JBM) 12वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, जो दक्षिण एशिया का अग्रणी प्रकाशन सम्मेलन है।
महत्वपूर्ण वक्तव्य:
सह-निदेशक विलियम डेलरिम्पल ने इसे “विचारों और संवाद का वैश्विक मंच” बताते हुए कहा कि यह महोत्सव साहित्य और संस्कृति के माध्यम से दुनिया को जोड़ने का प्रयास करता है।
सह-निदेशक नमिता गोखले ने इसे “बहु-भाषाओं और साहित्य का उत्सव” बताया, जिसमें 26 भाषाओं के माध्यम से विविधताओं का जश्न मनाया जाएगा।
टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजय के. रॉय ने इसे “पुस्तकों और विचारों की शक्ति का प्रतीक” बताया।
इसके साथ ही, राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को प्रमुखता देने के लिए खड़ताल वादक भुंगर खान ने Curtain Raiser में शानदार प्रस्तुति दी।
जयपुर साहित्य महोत्सव न केवल जयपुर, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। यह आयोजन भारत को वैश्विक साहित्यिक मानचित्र पर सशक्त रूप से स्थापित करता है और इसे “साहित्य का कुंभ” के रूप में मान्यता दिलाता है।