new technologies। हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी से जोड़ों के दर्द से आजादी।
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी से जोड़ों के दर्द से आजादी
अब युवाओं में भी हिप जोड़ों के दर्द की समस्या देखने को मिल रही है, जिससे उनकी दैनिक दिनचर्या प्रभावित हो रही है और कार्य क्षमता कम हो रही है। इटरनल हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. राजीव भार्गव के अनुसार, यह समस्या गंभीर है और नजरअंदाज करने से मुसीबत बढ़ सकती है। हिप रिप्लेसमेंट एक अच्छा विकल्प है, जिससे जोड़ों के दर्द से निजात मिल सकती है। नई सरफेस और सिरेमिक्स के कारण, कम उम्र में लगाए गए जोड़ों की लाइफ बढ़ जाएगी और व्यक्ति बड़े साइज के वाल्व लगाए जाने से आलथी पालथी भी लगा कर बैठ सकेगा।
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी में कई नई खोजों और आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि फीमोरल हेमियार्थोप्लास्टी और टोटल हिप रिप्लेसमेंट। मरीज अब सुचारू रूप से अपने कार्यों को कर सकते हैं और नेचुरल फीलिंग महसूस करते हैं। हालांकि, यह सर्जरी हर ओर्थोपेडिक सर्जन नहीं कर सकता है और इसके लिए विशेष प्रशिक्षण और अति आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता होती है।
जहां पहले छोटी उम्र में जोड़ प्रत्यारोपण करवाने से उसे 10-15 साल में रीवाइव करवाने की जरुरत रहती थी वह अब मेडिकल सांइस की तरक्की के चलते नहीं रहेगी, क्योंकि सिरेमिक्स नई सरफेस आ गई है
उन्होने कहा कि जहां पहले के समय में जोड़ों को बदलना एक कठिन कार्य माना जाता था वहीं कई नई खोजों और आधुनिक तकनीकों ने रिप्लेसमेंट सर्जरी को आसान बना दिया है। ऐसे जोड़ आने लग गए है जिनके जरिए मरीज प्राकृतिक फीलिंग महसूस करता है। इस में मुख्य पद्धतियां हैं एक फीमोरल हेमियारथोप्लास्टी (आधे हिप को बदलने की प्रक्रिया) तथा टोटल हिप रिप्लेसमेंट: सीमेटिड प्रोस्थेसिस, अनसीमेंटिड प्रोस्थेसिस, हाईब्रिड टोटल हिप रिप्लेसमेंट।
हॉस्पिटल में अति आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित व पूर्णतयाः संक्रमण रहित ऑपरेशन थियेटर की भी आवश्यकता रहती है।
संपर्क सूत्र डॉ. राजीव भार्गव मो. 9829015752