विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे है न्यू एडवांसमेंट्स। जयपुर में होता है असाध्य और कठिन रोगों का आधुनिकतम और नव सृजित तकनीकों से इलाज ।
diagnostic

कुछ ही क्षणों में हो सकेगी हीमोग्लोबिन की जांच

कुछ ही क्षणों में हो सकेगी हीमोग्लोबिन की जांच

हीमोग्लोबिन टेस्ट आपके लाल खून कोशिकाओं में पाए जाने वाले हीमोग्लोबिन प्रोटीन की मात्रा को मापता है। हीमोग्लोबिन परीक्षण के परिणामों को प्रति डेसीलीटर ग्राम (जी / dL) खून या ग्राम प्रति लीटर (जी / एल) खून में मापा जाता है।

चक्कर आना

थकान

सिरदर्द

अनियमित हार्टबीट

सांस की तकलीफ

त्वचा जिसमें सामान्य से अधिक पीलापन हो तो खून में हीमोग्लोबिन के स्तर की जांच आवश्यक है।

यदि किसी व्यक्ति के हीमोग्लोबिन परीक्षण परिणाम 6 डी / gL से कम हैं, तो यह खतरनाक है। वहीं अगर यह 20 डी/gL से ज्यादा है तो यह भी खतरनाक है।

हिमोग्लोबिन टेस्ट के लिए निजी पैथोलॉजी लैब में 50 से 100 रुपए तक खर्च हो जाते है लेकिन अब केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीरी) के वैज्ञानिकों ने एक स्वदेशी उपकरण तैयार किया है। इससे खून में हीमोग्लोबिन की जांच पर महज दस से पचास पैसे ही खर्च होंगे।

मेडिकल क्षेत्र में उपयोग के लिए इस तकनीक का प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सीएसआइआर (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद ) की महानिदेशक डॉ. कलाईसेल्वी एन. की मौजूदगी में 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर मेसर्स प्लास्टी सर्ज प्रा. लि., अमरावती (महाराष्ट्र) को किया जाएगा। इसके बाद यह कम्पनी इसका उत्पादन शुरू करेगी।

संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सत्यम श्रीवास्तव ने बताया कि तैयार की गई डिवाइस में स्ट्रिप के माध्यम से खून की बूंद डाली जाती हैं और कुछ ही क्षणों में हीमोग्लोबिन की जांच का परिणाम स्क्रीन पर मिल जाता है।

प्रारंभिक स्तर पर इसका एक बॉक्स करीब दो हजार रुपए में बाजार में उपलब्ध होगा। इसमें सौ स्ट्रिप होंगी। इस प्रकार प्रति जांच पर दस से पचास पैसे खर्च होंगे। बाजार में अब तक हिमोग्बल की जांच में करीब पचास से तीन सौ रुपए खर्च करने पड़ते हैं। वहीं जांच रिपोर्ट के लिए घंटों इंतजार भी करना पड़ता है। इसमें परिणाम भी तुरंत मिल जाएगा।

इस ऐप के माध्यम से अपने हीमोग्लोबिन डेटा को पांच वर्ष से अधिक समय तक सुरक्षित रख सकता है।

संस्थान के निदेशक डॉ. पी. सी. पंचारिया ने बताया कि वैज्ञानिकों ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन पर कार्य करते हुए स्मार्ट हीमोग्लोबिन मेजरमेन्ट सिस्टम विकसित किया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button