गंभीर ब्लड कैंसर के मरीज का कैंसर नियंत्रित कर बोन मेरो ट्रांसप्लांट करके जीवन रक्षा की
bone marrow transplantation। SMS Hospital। Dr Vishnu Sharma
गंभीर ब्लड कैंसर के मरीज का कैंसर नियंत्रित कर बोन मेरो ट्रांसप्लांट करके जीवन रक्षा की
सवाई मान सिंह अस्पताल के बोन ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ व हेमटोलॉजिस्ट डॉ विष्णु शर्मा ने बताया कि उनके पास एक AML नाम के गंभीर ब्लड कैंसर से पीड़ित मरीज भर्ती हुआ जिसे पहले कीमोथेरेपी देकर कैंसर को नियंत्रण किया व बाद में कैंसर की गंभीरता को देखते हुए बोन मेरो ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया गया ।
उपचार पद्धति के बारे में मरीज व परिवारजनो को विस्तार से समझाकर सहमति लेने के बाद ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू की गई । पहले मरीज को हाई डोज़ कीमोथेरेपी दी गई, बाद में स्टेम सेल डोनर जो कि मरीज का HLA मैच भाई है, जिससे स्टेम सेल्स पृथक किये गए और फिर मरीज में प्रत्यारोपित किये गए । स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद वाला समय बहुत संवेदनशील होता है जिसमे मरीज के ब्लड सेल्स व प्लेटलेट्स बहुत कम हो जाते है व मरीज को गहन देखरेख की जरुरत होती है। इसमें मरीज के इलाज कि प्रक्रिया पूर्व निर्धारित प्रोटोकोल के तहत की जाती है व बहुत सारे विभागों के समन्वय की जरुरत होती है। जिनमे ब्लड बैंक व हिमेटोलॉजी लैब की भूमिका विशेष है। मरीज बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
इस ट्रांसप्लांट में हिमैटोलॉजी विशेषज्ञ डॉ विष्णु शर्मा के साथ वरिष्ठ मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ अभिषेक अग्रवाल ने सहयोग दिया।
ट्रांसप्लांट टीम के अन्य सदस्य डॉ आशुतोष राय, डॉ कमलेश राजपुरोहित, डॉ कुलदीप व डॉ हर्ष सैनी एवं नर्सिंग स्टाफ की भागीदारी रही। मेडिसिन विभाग में इस तरह के ट्रांसप्लांट होने से भविष्य में मरीजों के लिए वरदान साबित होगी ।
एस एम एस हॉस्पिटल के मीडिया प्रभारी डॉ देवेंद्र पुरोहित ने बताया कि बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन एक बहुत जटिल प्रक्रिया है जो मेडिकल के क्षेत्र में एक वरदान के रूप में साबित हो रहा है इसका उपयोग बहुत सारे जटिल रक्त विकार एवं अन्य बीमारियों के इलाज में बहुत ही उपयोगी तरह से किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि लेकिन इसके लिए अतिप्रशिक्षित चिकित्सक, नर्सिंग कर्मी, सक्षम ब्लड बैंक एवं लेबोरेटरी सुविधाओं की आवश्यकता रहती है। जिस कारण यह हर हॉस्पिटल में नहीं हो सकता फिलहाल यह सुविधा देश के कुछ चुनिंदा चिकित्सा संस्थानों में ही उपलब्ध है। जिनमे से एक हमारा सवाई मानसिंह अस्पताल है।
यहां बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन होते आ रहे है लेकिन मेडिसिन विभाग के द्वारा पहली बार एलोजेनिक बोन मेरो ट्रांसप्लांट कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है ।
मेडिकल साइंस में एलोजेनिक बोन मेरो ट्रांसप्लांट को सबसे जटिल ट्रांसप्लांट माना जाता है । एलोजेनिक ट्रांसप्लांट में मरीज के भाई या बहन से स्वस्थ स्टेम सेल्स लेकर मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित किये जाते है जो विकृत सेल्स का स्थान लेकर स्वस्थ रक्त सेल्स बनाना शुरू कर देते है साथ ही नया इम्यून सिस्टम विकसित होता है जिसमे कैंसर विरोधी क्षमता होती है।